भोजपुरी विशेष: लइकवा खेल खेलत खानी जवन गीत गावेलसन ओकर मतलब का बा …।


लेखक: भुइयां भास्कर

आज-काल्ह के लाइका सब YouTube पर वीडियो देखने में बॉटम रहता है लोग। उनका खातिर वर्ग दुनिया ही सैम कुछ हो गइल बा। लेकिन गांव-गंवई में अबहु जातर लाईका-बच्चा सब पारंपरिक तरीका से ही खेल खेलेऽ लोग। ठीक है ओइशी, जइसे हमनी सब खेलत रहे। लड़काईं में गांव में खेल खेलत खानी कै तरह के गीत गावल जाला। हमनी के इ संस्कृति हऽ अउर खेल खेले के रिवाज बहुते पुराना हऽ। जबसे लइका भा लइकी डेगा-डेगी चलेगे तबले से कइगो खेल ओहनी के खेलावल जाला। उ लोग जब तनी बड़ हो जाला त जब अपने से अलग-अलग खेल खेलेगेयला। खेल खेल बहु बहु जरुरी बाबा। ओकरा से लइकन के शरीर तऽ बढ़बे करेला दिमाग भी बढ़ेला …

शायद एही के तहत हमनी के संस्कृति में मनोरंजक तरीका से लाईकन के खेले खातिर उत्साहित कइल जाला। लयकन एज खेल खेलत खानी ढेरे गीत गावेला। ओह गीतवा के धेयान से सुनला पवा भा समझला पगो एगो अलगे दुनिया लउकेला, जेवना में उ लोग अपना घर-परिवार के संगे-संगे अपने समाज अउरी देश-दुनिया के हाल-चाल आ कमी-बेसी प-भी बात करेला। अइसने एगो खेल के गीत में पुरानी भीति गिरेके आ न्यू भीति उठेके बात होला। अगर एह बात के समझलजाव तऽ संकेत रूप में पुरानी भीति के मतलब पुरानी पीढ़ी आ न्यू भीति के मतलब नई पीढ़ी। एह गीत में एकरा के देखल जाव —

घुघुआ माना जाता है, उपजे धाना
पुरानी भीति गिरि, नई भीति उठेली
सम्भारिह बुढ़ियो, रसोई उठावे ……

खेल के अइसनोटोत्ता बनल बा एगो लेखन में उ लोग गिन गिनता, एही बहाने गिनतियो इयाद हो जाई आ प्ले हो जाई। एही गीतवा में अंगरेजी सरकार के हटावे के बात त लोग उ लोग करते बा, आपही सरकार चली गई के बात भी करऽ ताड़ें। उनहुकरा अंगरेजी सरकार पऽ तनिको भरोसा नइखे , देखे एहि गीत में —-

दस, बीस, तीस, चालीस, पचास, साठ, सतर, असी, नब्बे, सौ
सौ इंजील धागा, थ्व निकल कर भागा
टूटे घर की चिड़िया बोली चाँद, चुंइ, चूस
मैदान बोला भास
एक गली में आना-जाना
देबली में बम
अंगरेज साला का करेगा,
राज विल हम…।

जब बरसात आवेला आ आकाश में करिया बदरी छा जाला, सगरो आन्हर हो जाला, इगेला कि बारिस अब होई कि तब होई, ओह घरी लइका सभ कवनो आंगन-गली भा खलिहान में मस्ती में झूमेगे। ओह घरी घर बहरी कवनो समान रखल बा तरा ओकरा के हटावे के बात करेला लोग। अतने ना, जब सरे बारिस होकेगेगेला, बारिस के चलते जीव नकलनका जाला अउर मन उबिया जाला, गांव के लोग परेशान हो जाला तऽ बदरी फाटे खातिर भा बारिस कम होके खातिर उ लोग लोग खेल खेलेला आगी भी गावेला। उ लोग के बिसवास होला कि अइसन कइला से बदरी फाट जाई आ आकास निबदर हो जाई। Aago गीत sawan —-

आन्ही, बुनी आवेला, चिरिनया ढोल बजावेले
बूढ़ी माई हाली – हाली गोंइठा उठावेले
आन्हि आइल बुनी आइल , फूट गइल लबनिया
तड़वा धियाध के रोवेले पसिनिया
गाड़ी तीतीगेल जाला , बदरी परिल जाला
चलनी में आ गया , बादल फटना, बादल फटा …।

लड़िकाईं में लइका लोग जब खेल खेलला ते खाये मौज मस्ती आ मर- मजाक भी करेला लोग। मरे मजाक में भउजी से धेर तरह के बात करेला लोग आ गीत गावेला लोग। एगो गीत में उ लोग भउजी से बेटा जनमांवे के बात करते लोग। उन्हुकरा लोग केजेस कि जब बेटा होइ त लोग उ लोग के साथे खेल खेलइ। एह गीत में संगे – संगे एगो बुढ़िया माई के खाये चुटकीता लोग। ई सब लाईकैं के मौज मस्ती हाइ , सांत एगो गीत में —–

उ पुवा काहे के? भउजी के खिआवे के
उ भउजी काहे के? लाले लाले बेटवा जनमावे के
उ बेटवा काहे के? गुली डंडा खेले के
गुली डंडा टूट गइल, बबुआ रुस ग्याल ………..

ए बुधि आप का नान जा तड़ु ?
तेल लेबे
का हो गया?
पुआ
एगो वीरो के दिहऽ
एगो वीरो के दिहऽ

एगो दोसरा गीत में एगो रोबदार आदमी के आ एगो कमजोर आदमी के बात होखता, संकेत रूपों में आपाना से कमजोर के धमकावे के बात होती है। हमनी के गांव समाज में अइसन क्योगो घटना देख के मेटला। हमनी के समाज में बहुत खराब बिचार बा, देखे एहि गीत के —-

मइनी के बाचा चुचुहिया रे
दु: ख हरुन गिराव
कांचे गिरिबे तऽ मारब रे
दुगो पाताल गिराव ——-।

एगो दोसरा गीत में अलगे बात बा, आओगो महिला के सात गो पुत्र बा लोग, उ तुमाना के बलवान विचारधारा, बाकी कवनो कुइल आदमी उनहुकरो के ताना मार। ता। एह गीत में देखा —

मइनी खाली खाइनी,
बकुलवा खाला पान
मइनी के सात पुत्र
सातो पहलवान
मइनी चले उतान
बुला मुरला तान
मरेला तान ……..।

एकरा से अलग एगो गीत में लइका सब के भीतर जीव जंतु आ पशु-पक्षी खातिर दया आ मोह परिप्रेक्ष्य आवता। उ लोग बहुते दयालु बा। हमनी के भीतर इतनी चिंता नइखे, यू लोग के रूप में बा। फितिंगी सब के उ लोग पकड़त नइखे, ओकरा के भागे के बात करता है लोग। उड़ते हुए बात करते लोग। सांची लिखाई में ……..

हूल फितिंगिया हूल
तोर जान मारऽता
पिपरा के पतवा पऽ खून चुसवता
हूल फितिंगिया हूल ……

खेल खेल खानी कइगो गीत अइसन गावल जाला जेकरा के समझे की जरूरत बा आ ओकरा के लिखित के जरूरत बा। लेकिन, गते-गते अब टेक्नोलॉजीज के कारण एह सैम खेल से लाईका दूर होत बाचन होना। हमनी के एह सबके सम्भारे के जरूरत बा। (यह लेख लेखक के नजीजी विचार हैं।)





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