चाय के दुकान पर ग्लास धोए, ढाबे पर बर्तन साफ ​​किए- ऐसे गुजारे में ओम पुरी का बचपन था


ओम पुरी को बचपन से ही फिल्मों का शौक था। इसके बाद उन्होंने इसलिए बड़े होते ही उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया और बाद में पढ़ाई में अपनी बेहतरीन एक्टिंग के कारण धांधली हुई। उन्होंने स्पर्श, आक्रोश, कलगो, गांधी, जाने भी दो यारों, आरोहण, अर्ध्या, मंडी, पार, मिर्च मसाला और सिटी ऑफ़ जॉय सहित कई फिल्मों में काम किया।





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