भोजपुरी जेंशन: का नीतीश के बिकल बनल चाहत के बाड़े चिराग?


लोजपा नेता जनेसर पासवान चुनाव प्रचार के बाद सरकित हाउस पहुंचले त s रात के आठ बज गइल रहे। गाड़ी से उतरले त s देखले कि बरंडा में कुर्सी पर गजाधर मेहता बियाठल बाबड़े। मेहता जी जदयू के बड़का नेता रहन। परनाम -पाती भइल त s जनेसर कहले, गोड़ लागतनी गजाधर भइया, आव s तानी यठ मुंह धो के, भर दिन परचार में देह झोरा गइल बा। में में गजाघर मेहता मुसैले, कहले शीघ्र s एहिजे चाह पीयल जाई, हमहूं थाक बानी। चाह के औदार ने गाइल दिया। थोड़का देर में जनेसर अइले अउर कुर्सी प s धम्म से बियाठ गइले। दूनो अदिमी के हालिया समाचार भईल। गजाधर मेहता कहले, जनेसर, तहर नेता चिराग पासवान त s अततह कर देले बबड़े, अइसन अदावत त s तेजस्वियो ना नीतीश जी से कइले रहन। चुनाव में विरोध कवनो नई बात नइखे, लेकिन चिराग त s सभ सीमा पार कर गइल बाबड़े। बताव s! नीतीश जी के शराब माफिया से प्यासा लेवे के आरोप लगा देले चिराग, खाली गाल बजाइला से का होई, कवनो सबूत बा? चिराग सांसद हवें, सोच समझ के बोले के चाचा? चिराग सात जोजना के बारे में भी अंटासेंट बोल रहल बाड़े। जनेसर के बूजा गइल कि गजाधर मेहता अनराज बाड़े, बात तारे खातिर कहले, का भइया छोड़ s ई सभ बात, चाहत पयव जाव।

ल्प नीतीश के सलिल बनल चाहत के बाड़े चिराग?
चाहत इल त s गजाधर मेहता टीवी खोल देले। समाचार में डिबेट चल रहा है। नीतीश कुमार के खिलाफ चिराग के बेयान से मीडिया के मसले मिल गइल रहे। एंकर के सवाल का राजनीतिक पता पोरफेसर चौधरी कहले, चिराग पासवान साबित कइल चाहत बाड़े कि बिहार में सिरिफ उहे नीतीश कुमार के मजबूती से काउंटर कर सके। अभी नीतीश के सिपाही केहू नइखे। चिराग ई खाली जगह के भरल चाह बाड़े। उ तेजस्वी के दरकिनार कर के नीतीश के बिकल बनल चाहत बाड़े। चिराग, तेजस्वी से बेसी बढ़ल लिखल बाबड़े। नीतीश कुमार ऑडिट चिरागो के के पढ़ाई बाबेल। जनता में आपन छवि बनावे खातिर चिराग, नीतीश कुमार का बड़ s- बड़ s आरोप लगा रहल बाबड़े। एह मामला में उ तेजस्वी से भी आगा निकल गइले। मूल रूप से चिराग 2020 के चुनाव में 2025 खातिर तस्वीर बना रहल बाबड़े। पांच साल पसेसों के देह मांज लिवेन त s बैटिंग पोखता हो जाई। नीतीश कुमार अगिला चुनाव में पचहत्तर वर्ष के हो जायेंगे। ओह घरी जब सवाल इ कि नीतीश के बाद के? त s चिराग का दावा पेश करना। अइसे राजनीति में कुछुओ असंभव नइखे। चिराग सोच समझ के एंटी नीतीश के नीति यवले बाबड़े। समाचार खत्म भइल त s गजाधर मेहता कहले, पिन्ह साल में त s आज ले केहू नीतीश के बिकल ना बन पाइल, चिराग भिरी के साधनों भोट बा कि उ बकलप बनिहें? पहिल बीस-पचीस गो विधायक त s जीत के देखावस। बिहार के कपटनी का नीलापन आसान बाबा?

नीतीश के बाद के?जनेसर पासवान कलकत्ता के परसिडेंसी कौलेज के रीडल रहन। कवनो बात नापसँक के बोलत रहन। गजाधर मेहता देने देख के जनेसर कहले, देख s भइया, एक ना एक दिन सम राजा के पिचड़ी छोड़े के पड़ला। नीतीशो जी के कहनेियो पारी खत्म के घोषणा करे के पड़ी। इ सवाल त s सोलह आना जइसे बा कि नीतीश जी के बाद के गद्दी सम्हारी? भाजपा जरूर बके s पाटी बा लेकिन उ बिहार मे केहू के सीएम फेस ना बना सकल। काहे से कि भाजपा आज ले नीतीशे जी के कपतानी में खेलल एस। जब ले नीतीश कुमार के साथ भाजपा के कवनो खेलड़ी आगा ना अइहें। लालू -राब्दय राज के अतीत हरमेसा तेजस्वी के राह में रोड़ा बना रहा। बीस-पचीस वर्ष पहिले राजद के लोग जवन तांडव मचावले रहे उ केहू भुइलाल नइखे। तेजस्वी के खिलाफ कचहरी में केसो चल रहल बा। अदालत से का फैसला आई केहू नइखे जानत। नीतीश के जवाब देवे खातिर पढ़ल लिखल, बेदाग अउर करमठ नेता के जरूरत पड़ी। ओह समय में चिराग के अहमियत को बढ़ाया जा रहा है। जनेसर चुप भइले त s गजाघर मेहता कहले, सपना जरूर देखे के चाही, लेकिन दिन में ना। आप चिराग के खातिर दिन में सपने देखने रहल बाड़ s जनेसर। अब यहां कय गो लोजपा के बिधायक बाड़न? दुइयो गॉव? दू गो बिधायक वाला पाटी के नेता पांच एस बरिस में सीएम बन जाई? हद कइले बाड़ एस।

का कम बिधायक वला नेता बड़ s सपना ना देखा?
जनेसर पासवान फुल मूड में रहन। गजाधर मेहता के सवाल प कहले, का भइया, तहरा जइसन अनुभवी अदिमी इ बात कर रहला बा? आचार ई बताव s कि 1995 में नीतीश जी के समता पाटी के कय गो बिधायक जीतल रह गए? साते गो नू। सात बिधायक वला नीतीश जी का बड़ का सपना ना देखले? ओह घरी त s नीतीशो जी के फेल कहत लोग। 310 संदीपक खाड़ा कइले रहन नीतीश जी त s सते गो जीतल रहन। ले उ देशत छोड़ देले? नीतीश जी लालू जी के विरोध में राजनीतित कइले त s दसे बरिस बाद सीएम बन गइले। आज जदयू के लोग चिराग के हंसी उड़ावत के बाड़े कि उनकर औकात का बाबा? औकात त s समय समय के बात ह s। आज नइखे काल्ह जाई। अगर नीतीश जी, लालू जी के हिंदुगेलाल रहिते त s का यू सीएम बनल सिंगल? आगा बढ़े खातिर नीतीशो जी 1994 में लालू जी के खिलाफ खूंटा गाड़ के राजनीतित कइले, उनकर साथ छोड़ के नाया पाटी बनवले। नीतीश जी, लालू जी के साथ छोड़ले त s उ सही रहे, अब चिराग नीतीश जी के खिलाफ बाड़े त s ई छल हो गइल? रे रे! सही- गलत समझे! चिराग अगर आज आपन अलग हैसियत बनावल चाहत बाड़े त s एकरा में का खूला बाबा? अगर 2020 में लोजपा के कवनो भल्लू नइके त s जदयू के लोग अनेरये नू चिराग के बेयान प की स्थिति मचवले बाबड़े? गजाधर मेहता कहले, जनेसर, हावा में लाठी भंजला से का होई, चुनाव बाद बुझाइ जाई कि के केतना पानी में बा। मेहता जी कुछुओ अउर कल जाहत रहन कि उन कर कर मोबाइल के घंटी बाजल। जदयू के कवनो बड़का नेता के फोन रहे। फोन रखले त s मेहता जी कहले, चल s जनेसर खा लिहल जाव, फजरे हमरा उठे के बा। दूनो अदिमी उठ के डायनिंग हौल में चल गइले।





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