अमिताभ बच्चन
मिली जानकारी के अनुसार परिवाद (शिकायत) में अभिनेता अमिताभ बच्चन (अमिताभ बच्चन), एक टीवी क्विज शो के निर्देशक अरुण कुमार, राहुल वर्मा, टीवी चैनल के अध्यक्ष मनजीत सिंह, सीईओ एनपी व व प्रतिभागी बेजवाड़ा विल्सन सहित सात को नामजद किया है।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:27 नवंबर, 2020, 7:56 AM IST
मिली जानकारी के अनुसार सिकंदरपुर निवासी आचार्य चंद्रकिशोर पाराशर ने गुरुवार को सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया है। इसमें अभिनेता अमिताभ बच्चन, एक टीवी क्विज शो के निर्देशक अरुणेश कुमार, राहुल वर्मा, टीवी चैनल के अध्यक्ष मनजीत सिंह, सीईओ एनपी सिंह व प्रतिभागी बेजवाड़ा विल्सन सहित सीन को नामजद किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार परिवाद पर अगली सुनवाई के लिए तीन दिसंबर की तारीख तय की गई है। आरोप लगाया गया है कि शो के दौरान प्रतिभागी से धर्मशास्त्र से संबंधित एक सवाल पूछा गया है। सवाल व विकल्प में दिए गए उत्तर आपत्तिजनक थे। इससे धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है।
चंद्रकिशोर पाराशर ने आरोप लगाया है कि 30 अक्टूबर को वह अपने आवास पर ‘कौन बनेगा करोड़पति ‘ के सीजन -12 के चरण को देख रहे थे। कार्यक्रम में होस्ट अमिताभ बच्चन थे। दूसरी जगह पर बैठने देने के लिए बैजवारा विल्सन बैठे थे। वे सभी सवाल का जवाब सोच समझकर दे रहे थे। हर सवाल के बीच-बीच में अमिताभ बच्चन और बैजवारा विल्सन हंसी मजाक कर रहे थे। संख्या के बीच में अमिताभ बच्चन ने कंटेस्टेंट से 64 लाख रुपए का सवाल पूछा था। उस सवाल से हिंदू भावना को ठेस पहुंची है।
बता दें कि 30 अक्टूबर को अमिताभ बच्चन ने यह सवाल (सवाल) पूछा था कि 25 दिसंबर 1927 को डॉ। भीमराव अम्बेडकर के अनुयायियों ने किस धर्मग्रंथ की पर्चियां जलाईं थीं? इसके चार ऑप्शन दिए गए थे जिनमें ए। विष्णुपुराण, बी भागवत गीता, सी। ऋग्वेद और डी मनुस्मृति दी गई थी। इसी प्रश्न को लेकर वादी चंद्रकिशोर परासर का परिवाद में कहना है कि जान बूझकर हिंदू भावना का ठेस पहुंचाने के लिए शो में इस तरह का सवाल सेट किया गया। इससे हिंदू भावना को आघात पहुंचता है। न्यायालय 3 दिसंबर को ग्रहण के बिंदु पर सुनवाई करेगा। यानि इस परिवाद को मुकदमा के रूप में लिया जाएगा कि नहीं, इसका निर्णय 3 दिसंबर को होगा।