
त्रिभंगा
काजोल (काजोल) ने ओटीटी प्लेटफॉर्म (ओटीटी प्लेटफॉर्म) पर डेब्यू करने को लेकर कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए और सिनेमा हॉल में रिलीज होने वाली फिल्मों में काम करने में कोई खास बात नहीं है। उन्होंने कहा कि ओटीटी और सिनेमा हॉल में फिल्में रिलीज करने में अधिक स्वतंत्रता मिलती हैं।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:12 जनवरी, 2021, 3:08 PM IST
फिल्म की रिलीज डेट नजदीक है और इसके प्रमोशन भी जोरों से चल रहे हैं। हाल ही में त्रिभंगा की टीम न्यूज 18 के यूट्यूब चैनल शोशा (SHOWSHA) से जुड़ी और उन्होंने फिल्म को लेकर कई मुद्दों पर वैशाली जैन से चर्चा की। फिल्म की निर्देशक रेणुका शहाने ने मातृत्व और महिलाओं के जीवन में किए गए चयन को लेकर बात की। रेणुका ने कहा- “मां बनना अच्छी बात है लेकिन लिंग और महिला को खुद को पहचानना और खुद की पहचान बनाना भी आवश्यक है और खुद के लिए किए गए फैसले का सम्मान करना भी जरूरी है। मुझे खुशी है कि इस फिल्म से मातृत्व को इंसानियत की। दृष्टि से देखा जाना शुरू किया जा रहा है। “
फिल्म की एक्ट्रेस तन्वी आजमी (तन्वी आजमी) ने कहा कि ये फिल्म लोगों को सोचने के लिए एक नई नजरिया देती है जैसा हम पहले नहीं सोच पाए थे। तन्वी ने इंटरव्यू में कहा- “ये बहुत खुशी की बात है कि रेणुका ने मां-बेटी के ऐसे रिश्ते पर एक कहानी लिखी है और उसका निर्देशन किया है। इससे पहले हमने मां-बेटी के रिश्ते को इस फिल्म की तरह नहीं दर्शाया था। बात है “
तन्वी ने फिल्म की कहानी पर अपनी बात रखते हुए कहा- “जरूरी नहीं कि एक मां हमेशा देवी की ही तरह हो। उसमें भी कुछ कमियां हो सकती हैं, उनकी भी कुछ समस्याएं हो सकती हैं लेकिन उसके बावजूद वे बेहतरीन इंसान हो सकते हैं। ये जरूरी नहीं है कि किसी महिला को मातृत्व की परीक्षा में पूरे अंक मिले लेकिन इंसान होने की परीक्षा में उन्हें सौ में से सौ मिल मिल सकती हैं। हमें अपने माता-पिता को बताना पड़ेगा और ये समझते हैं कि उनके अंदर भी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। सकते हैं और उनमें भी कुछ कमियां हो सकती हैं और फिर हम भी संवेदना रखते हुए प्यार करते हैं। “
अभिनेत्री काजोल ने भी अपनी सह कलाकारों की बातों से सहमति जताते हुए कहा कि ये जरूरी है कि हम महिलाओं को और अधिक मानवता की दृष्टि से देखें। ऐसे कर के हम एक दूसरे की आलोचना कम करेंगे और उन्हें जज कम करेंगे। अभिनेत्री तन्वी आजमी ने अपने अलग-अलग तरह के किरदारों के चयन को लेकर कहा- “मैं कोई भी किरदार बहुत सोच समझकर चुनती हूं। मुझे अलग तरह के रोल करना पसंद है। मैं हमेशा देखती हूं कि कोई भी उसदार कैसे यूनीक है।”
काजोल ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर डेब्यू करने को लेकर कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए और सिनेमा हॉल में रिलीज होने वाली फिल्मों में काम करने में कोई खास बात नहीं है। उन्होंने कहा कि ओटीटी और सिनेमा हॉल में फिल्में रिलीज करने में अधिक स्वतंत्रता मिलती हैं। त्रिभंगा में मेरा जो किरदार है उसे ओटीटी पर उसी ही दर्शाया गया है जैसा वह है, शायद सिनेमा हॉल के लिए उसे अधिक कमर्शियल बनाना पड़ता है जिसके लिए काट-छांट की जरूरत पड़ती है।