
फतेहगढ़ साहेब के बस्सी पठान शहर में 11 जनवरी को अभिनेत्री जान्हवी कपूर की फिल्म की शूटिंग चल रही थी। (फोटो: एएनआई / ट्विटर)
किसान प्रोटेस्ट: सुप्रीम कोर्ट ने भी वर्तमान में नए कृषि कानूनों (नए फार्म कानून) के लागू होने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और किसानों के बीच जारी विवाद को खत्म करने के लिए एक समिति भी गठित की है।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:13 जनवरी, 2021, 12:45 PM IST
फतेहगढ़ साहेब के बस्सी पठान शहर में 11 जनवरी को अभिनेत्री जान्हवी कपूर की फिल्म की शूटिंग चल रही थी। इसी दौरान कुछ किसान समूहों ने वहां पहुंचकर एक्ट्रेस से किसान आंदोलन और कृषि कानून के मुद्दे पर राय देने की मांग की थी। इसी तरह फिल्म के निर्देशक ने किसानों को भरोसा दिलाया कि एक्ट्रेस जल्द ही नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने पर अपनी प्रतिक्रिया देंगी। एसएचओ बलविंदर सिंह ने जानकारी दी कि वहां शूटिंग जारी है।
पंजाब: किसान समूह फतेहगढ़ साहिब के बस्सी पठाना शहर में कार्यक्रम स्थल के बाहर जमा हुए, जहाँ जान्हवी कपूर अभिनीत एक फिल्म की शूटिंग 11 जनवरी को चल रही थी। उन्होंने किसानों से कृषि कानूनों के विरोध में उनकी राय मांगी। वे बाद में चालक दल द्वारा आश्वासन दिए जाने पर वापस चले गए pic.twitter.com/4Ra7iYaace
– एएनआई (@ANI) 13 जनवरी, 2021
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, सिंह ने बताया कि प्रदर्शनकारियों का निर्देशक और कर्मियों से कहना था कि बॉलीवुड (बॉलीवुड) एक्टर्स ने अभी तक किसानों के समर्थन में कुछ नहीं कहा है और न ही प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, इससे पहले कई बड़ी फिल्मी हस्तियों के किसानों के प्रदर्शनों को अपना समर्थन दिया गया है। बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद, दिलजीत दोसांझ, धर्मेंद्र सनी देओल जैसे कई अभिनेता व्हनों के समर्थन में प्रतिक्रिया दे चुके हैं। यह भी पढ़ें: सुखबीर सिंह बादल बोले- SC का फैसला भाजपा की नैतिक हार, कमेटी ने स्वीकार नहीं किया है
वहीं, किसानों को कई अभिनेत्रियों का भी साथ मिला है। प्रीति जिंटा, प्रियंका चोपड़ा, गुल पनाग, सोनम कपूर, रिचा चड्ढा, स्वरा भास्कर सहित बॉलीवुड की कई एक्ट्रेस ने किसानों के प्रदर्शनों में अपना समर्थन जताया है। उनके अलावा खेल, राजनीति जगत के कई दिग्गजों ने प्रदर्शन में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। बॉक्सर विजेंदर सिंह सहित कई बड़े खिलाड़ी अपने अवॉर्ड्स वापस करने की बात कह चुके हैं।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी वर्तमान में नए कृषि कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और किसानों के बीच जारी विवाद को खत्म करने के लिए एक समिति भी गठित की है। यह समिति 2 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इसके अलावा किसान और सरकार के बीच मुलाकात के कई दौर बीत चुके हैं, लेकिन पराली जलाने और मजाक के मुद्दे को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है।