बॉलीवुड की ये 6 रोमांटिक फिल्में, जिन्हें देखकर आप भी हो जाएंगे प्यार


नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा (बॉलीवुड फिल्म) में उन फिल्मों में अपनी अलग छाप छोड़ी है, जिसमें प्यार का रंग था, चाहे ‘मुगल-ए-आजम’ हो या देवदास। सभी की कहानी में बेइंतहा प्यार दिखाया गया था। फिल्म ‘प्यासा’ को टाइम ने सदी की बेहतरीन रोमांटिक फिल्मों में से एक बताया था। आइए नजर डालते हिंदी सिनेमा की कुछ प्रसिद्ध रोमांटिक फिल्में हैं, जिन्हें देखकर आपको भी प्यार हो जाएगा।

मुगल ए आजम मुग़ल-ए-आज़म (1960)– के ऑसिफ ने सिर्फ कुछ फिल्मों का निर्देशन किया ‘फूल’ और फिर ‘मुगल-ए-आजम’ जिसने इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। इस फिल्म को बनाने में 14 साल लगे। फिल्म अकबर के बेटे शहजादा सलीम (दिलीप कुमार) और दरबार की एक कनीज नादिरा (मधुबाला) के बीच में प्रेम कहानी दिखाती है। फ़िल्म में दिखाया गया है कि सलीम और अनारकली में प्यार हो जाता है, जिससे अकबर नाखुश हैं। यह फिल्म लगभग 150 सिनेमा घरों में एक साथ प्रदर्शित हुई थी। उस समय के हिसाब से बड़ी बात यह थी कि फिल्म ने पहले ही सप्ताह में 40 लाख का कारोबार किया था।

‘प्यासा’ (1957) गुरुदत्त (गुरुदत्त) द्वारा निर्देशित, निर्मित व अभिनीत हिंदी सिनेमा की सदाबहार रोमांटिक फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में एक कवि और उसकी एक सेक्स वर्कर के साथ दोस्ती को खूबसूरत अंदाज में पेश किया गया है। ‘प्यासा’ में आजादी से पहले के भारत के हालात दिखाए गए हैं। टाइम पत्रिका ने वर्ष 2005 में ‘प्यासा’ को सर्वश्रेष्ठ 100 फिल्मों में शामिल किया था।

‘मधुमती’ वर्ष 1958 में प्रकट हुआ था। ‘मधुमती’ से जुड़े कई पहलू ऐसे हैं, जो इसे भारतीय सिनेमा की फ्लैगबैयर फिल्म बनाते हैं। इसका प्रीमियर मुंबई के ओपेरा हाउस में हुआ था। फ़िल्म की शूटिंग रानीखेत, घोड़ाखाल, वैतरणा डैम और मुंबई की आरे मिल्क कॉलोनी में हुई थी। ‘मधुमती’ अपने दौर से आगे की फिल्म कही जाती है। क्योंकि इसने बाद के दशकों में तमाम फिल्मों को प्रेरित किया। फिल्म में दिलीप कुमार, वैजयंती माला और प्राण ने मुख्य किरदार निभाये थे।‘देवदास (1955)’ हिंदी सिनेमा इतिहास की यादगार फिल्म है। यह फिल्म दिलीप कुमार (दिलीप कुमार) के करियर में मील का पत्थर साबित हुआ था। फ़िल्म में सुचित्रा सेन और वैजयंती माला थे। इसमें चंद्रमुखी बनी हुई वैजयंती माला और सुचित्रा सेन ने पारो का रोल प्लेया था। चुन्नी बब्बू की भूमिका में मोतीलाल थे। देवदास फ़िल्म की गिनती निर्देशक बिमल रॉय की बेहतरीन फिल्मों में होती है, जो शरतचंद्र के उत्तरवेल पर आधारित थी।

‘गाइड’ 1965 ामा रिलीज़ हुई एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन विजय आनंद ने किया था। इस फिल्म के निर्माता देव आनंद थे। इस फिल्म में देव आनंद और वहीदा रहमान, लीड रोल में थे। फिल्म आर के नारायण की उपन्यास ‘द गाइड’ पर आधारित है।

‘ब्लश (1973)’ में सुनील कोहली (राजेश खन्ना), सुंदर सोनिया (शर्मिला टैगोर) को पसंद करने लगता है और दोनों शादी कर अपने हनीमून के लिए निकल जाते हैं। रास्ता में खराब मौसम के कारण वे सुनील के मालिक के बंगले में पड़ जाते हैं, जहां बॉस का बेटा धीरज कपूर (प्रेम चोपड़ा) उसके साथ रेप करने की कोशिश करता है। दोनों के बीच लड़ाई में धीरज की मौत हो जाती है। हत्या के जुर्म में सुनील को मौत की सजा हो जाती है।





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