
हाल में दक्षिण की फिल्मों ‘मास्टर’ (मास्टर) और ‘क्रेक’ (क्रैक) की सफलता के बाद बॉलीवुड भी अपनी फिल्मों के थिएटर रिलीज के लिए तैयार हो रहा है। फिल्म इंडस्ट्री के लोगों के कहने पर सलमान खान (सलमान खान) अपनी फिल्म ‘राधे: मोस्ट वॉन्टेड भाई’ (राधे: मोस्ट वांटेड भाई) को ईद पर थिएटर में रिलीज करने को तैयार हो गए हैं। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक होता है तो यह फिल्म जॉन अब्राहम (जॉन अब्राहम) की फिल्म ‘सत्यमेव जयते 2’ (सत्यमेव जयते 2) के साथ क्लच करेगी, जिसे जॉन ने पिछले साल ही ईद पर रिलीज करने की घोषणा कर दी थी।
हाल में फिल्म ‘आरआरआर’ (आरआरआर) के मेकर्स ने इसे 13 अक्टूबर में रिलीज करने का ऐलान किया है। अगर ऐसा होता है, तो इस फिल्म की भिड़ंत अजय देवगन की स्पोर्ट्स बायोपिक ‘मैदान’ से होगी। ये पहले से ही तय था कि ‘मैदान’ 15 अक्टूबर को रिलीज होगा।
अभी की बात करें, तो 40 बड़े बजट की फिल्में अपने-अपने रिलीज के लिए कतार पर खड़ी हैं। रोहित शेट्टी (रोहित शेट्टी) की सूर्यवंशी (सोवरीवंशी) और कबीर खान की ’83’ इस साल की पहली तिमाही में अपनी रिलीज़ का इंतजार कर रही हैं। जब कंगना रनौत की फिल्म ‘धाकड़’ (धाकड़), अक्षय कुमार की ‘रक्षा बंधन’ (रक्षा बंधन), आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ (लाल सिंह चड्ढा) और शाहिद कपूर की ‘जर्सी’ (जर्सी) इस साल अक्टूबर और दिसंबर में रिलीज हो सकती हैं। यकीनन, इससे फिल्मों के आपस में भिड़ने की आशंका काफी बढ़ गई ।देशभर में लॉकडाउन से फिल्म इंडस्ट्री को काफी बड़ा नुकसान हुआ है। फिर फिल्मों के इस तरह के क्लच से उद्योग को और भी नुकसान हो सकता है। फिल्मों के क्लैश से दर्शक भी बंट जाएंगे, जो न तो फिल्मों के लिए अच्छा है और न ही दर्शकों के लिए। इससे किसी को भी फायदा नहीं होगा। इस मुश्किल दौर में इस तरह के क्लच का मतलब जानने के लिए जब ईटाइम्स ने इंडस्ट्री के करीबी लोगों से संपर्क किया तो कई तरह की बातें निकल कर सामने आईं।
एग्जिबिटर अक्षय राठी को लगता है कि आज के हालात को देखते हुए, जब कई सिनेमा हॉल बंद हो चुके हैं, दो फिल्मों को एक ही डेट पर रिलीज करना कोई अच्छा आइडिया नहीं कहा जाएगा। इसे कम से कम एक साल के लिए टालना चाहिए। उन्हें लगता है कि किसी फिल्म को बॉक्स ऑफिस में प्रदर्शन करने के लिए दो सप्ताह का समय मिलना चाहिए। फिर दूसरी फिल्म के रिलीज के लिए बढ़ना चाहिए। फिल्म की रिलीज को लेकर एक अच्छी योजना होनी चाहिए और इस तरह के क्लैश से बचना चाहिए। अगर तय योजना के हिसाब से फिल्में रिलीज होती हैं, तो दिवाली पर ‘रक्षा बंधन’, ‘जर्सी’ और शाहरुख खान (शाहरुख खान) की ‘पठान’ (पठान) का आपस में क्लच होगा।
एग्जिबिटर राज बंसल अक्षय के विचारों से सहमति जताते हैं। वह कहते हैं, ‘मल्टिप्लैक्स और सिगल स्क्रीन पर सलमान की’ राधे ‘यूं तो पहली पसंद है, पर ईद के मौके पर दो फिल्में आसानी से रिलीज की जा सकती हैं।’ रणबीर कपूर की फिल्म ल एनिमेशनल ’(पशु) और कार्तिक आर्यन की भ भूल भुलैया 2’ (भूल भुलैया 2) के निर्माता मुराद फरमानी एग्जिबिटर की राय से सहमत हैं। वह कहता है कि हम देख रहे हैं कि 2020 उद्योग के लिए कितना बुरा था। लगभग सालभर से कोई बड़ी फिल्म रिलीज नहीं हुई है। अब जब चीजें धीरे-धीरे खुल रही हैं, तब फिल्मों के क्लैश से बॉक्स ऑफिस में परिणाम अच्छे नहीं हो रहे हैं। वह ध्यान दिलाते हैं कि यह ऐसा समय है, जब पूरी तरह से उद्योग को एक-साथ होना चाहिए।
हम जानते हैं कि कहना आसान है और करना मुश्किल है। वह फिल्ममेकर्स जो थिएटर के पूरी क्षमता के साथ खुलने का इंतजार कर रहे थे, वह कहेगा कि उन्हें अपनी फिल्म के रिलीज के लिए सही डेट मिले और त्योहारों पर फिल्म रिलीज करना सबसे ज्यादा मुफीद होता है। त्योहारों पर फिल्मों को बॉक्स-ऑफिस में अच्छा कलेक्शन मिलता है। ट्रेड एनालिस्ट तरन आदर्श मानते हैं कि क्लच से किसी को फायदा नहीं होने वाला है। वह यह भी कहती हैं कि फिल्म निर्माता लंबे समय से इंतजार में थे और वे यकीनन विशेष मौके पर फिल्म रिलीज करने की इच्छा करेंगे, ताकि उनकी फिल्मों को फायदा मिले। कोई भी पीछे हटना नहीं चाहता।
दूसरी ओर, डिस्ट्रिब्यूट गिरीश जौहर की बातें उम्मीद जगाती हैं। वह बताते हैं कि अगली फिल्मों के मेकर्स आपस में मिलने कर रहे हैं, ताकि आगे के लिए योजना बना सकें। वह मानते हैं कि क्लच से सिर्फ नुकसान होगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस समय सभी निर्माता और एग्जिबिटर एक-दूसरे की मदद करना चाहते हैं।