
सलमान खान (सलमान खान) काला हिरण शिकार के अवैध शिकार के मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जोधपुर सेशन कोर्ट के सामने पेश हुए थे। सलमान खान (सलमान खान) के वकील हस्तीमल सारास्वत ने कोर्ट से कहा है कि 8 अगस्त 2003 में गलती से कोर्ट को फर्जी एफिडेविट जमा कराए गए थे, जिसके लिए एक्टर को माफ कर देना चाहिए।
परीक्षण के दौरान सारास्वत ने कहा, ‘8 अगस्त 2003 को एफिडेवाट गलती से दिए गए थे, क्योंकि सलमान व्यस्त होने की वजह से भूल गए थे कि उनका लाइसेंस रिन्यू होने के लिए गया है। इसलिए उन्होंने कोर्ट में बताया कि उनका लाइसेंस मिल नहीं रहा है। ‘
सलमान खान (सलमान खान) को 1998 में जोधपुर के करीब एक गांव में दो काले हिरणों के अवैध शिकार के कारण अरेस्ट कर लिया गया था। उस समय आर्म एक्ट के तहत उन पर केस दर्ज हुआ था और कोर्ट ने उन्हें अपने हथियारों का लाइसेंस जमा करने के लिए कहा था। तब सलमान ने 2003 में एक एफिडेवेट जमा किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनका लाइसेंस खो गया था। उन्होंने इस संबंध में एक एफआईआर बांद्रा पुलिस स्टेशन में भी दर्ज करायी थी। हालांकि, बाद में कोर्ट को यह पता चला कि सलमान खान (सलमान खान) का आर्म लाइसेंस नहीं था, बल्कि रिन्यू होने के लिए गया था।
तब पब्लिक प्रोस्क्यूटर भवानी सिंह भाट ने मांग की थी कि कोर्ट को गुमराह करने के लिये एक्टर पर केस दर्ज किया जाए। साल 2018 में ट्रायल कोर्ट ने 1998 में फिल्म ‘हम साथ हैं’ (हम साथ साथ हैं) की शूटिंग के दौरान सलमान खान (सलमान खान) को दो काले हिरणों के अवैध शिकार के मामले में 5 साल कैद की सजा सुनाई थी।
एक्टर ने ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी। घटना के समय सलमान खान (सलमान खान) के साथ एक्टर सैफ अली खान (सैफ अली खान), तब्बू (तब्बू), नीलम और सोनाली बेंद्रे (सोनाली बेंद्रे) मौजूद थे। कोर्ट ने तब बाकी एक्टरों को इस मामले से मुक्त कर दिया था।