
सैराट (सैराट (2016))
नागराज मंजुले द्वारा निर्देशित मराठी फिल्म ‘सैराट’ रोमांटिक फिल्मों में से एक है। फिल्म में रिंकू राजगुरु और आकाश ठोसर ने डेब्यू किया था और पहली फिल्म में भी उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों को उत्साहित किया था। कहानी में एक मछुआरे के बेटे और एक राजनेता की बेटी के बीच प्यार के संघर्ष को दिखाया गया है। लोग इन दोनों को अलग करने की लाख कोशिश करते हैं, बावजूद इसके वे हमेशा साथ रहने का वादा करते हैं। कई जटिल परिस्थियों का सामना करते हैं। उनके संबंध को समाज और परिवार दुतकारता है लेकिन फिर भी दोनों के बीच का प्यार कम नहीं होगा। फिल्म की कहानी में सच्चे प्यार को बेहतरीन तरीके से परिभाषित किया गया है। यह मराठी फिल्मों में सबसे अधिक कमाई करने वाली कहानी साबित हुई थी जिसकी कई भाषाओं में रीमेक बनाए गए हैं।
प्रेमची गोवेट (प्रेमची गोश्त (2013))
फिल्म प्रेमची गोश्त में राम का किरदार निभाने वाली यानी अतुल कुलकर्णी और उनकी पत्नी सलोनी की भूमिका अदा करने वाली एक्ट्रेस सागरिका घाटगे तलाक काउंसलर के पास जाती हैं। कपल में से जहां राम अपने संबंध को ठीक करने की कोशिश करते हैं लेकिन सलोनी उनसे अलग होना चाहती हैं। सलोनी पति के प्रति दिल में कड़वाहट रखती हैं लेकिन राम नहीं रखते हैं। वे एक दूसरे को बेहतर तरीके से जानने के लिए मौकों का इंतजार करते हैं। शादी को लेकर दोनों अलग-अलग सोच रखते हैं, बावजूद इसके वे सीन फेरों को बंधन में बंध जाते हैं। फिर दोनों के रिश्ते में दरारें आती हैं लेकिन अंत में जब अपनी व्यक्तिगत गलतफहमी को दूर करते हैं तो फिर से एक साथ रहना चाहते हैं और इसी तरह होता है एक्स पार्टनर की एंट्री। अतुल कुलकर्णी और सागरिका सराहनीय काम किया है, इस फिल्म के माध्यम से सागरिका ने मराठी सिनेमा में डेब्यू किया था।
शाला (शाला (2012))
शाला वर्ष 2012 में आई थी, जिसमें चीनएजर के बीच प्यार को दर्शाया गया है। फिल्म में 9 वीं क्लास के स्टूडेंट प्यार में पड़ जाते हैं। जोशी नाम का लड़का जिसे अपनी क्लास की खूबसूरत लड़की शिरोडकर से प्यार हो जाता है। एक दिन साहस कर वो शिरोडकर के सामने अपनी फीलिंग्स बयां कर देती है। फिल्म में पहले प्यार की वास्तविकता को दर्शाने की कोशिश की गई है। कहानी को देख आप अपना पहला प्यार याद करेंगे और यकीनन आप बीते दिनों की मीठी यादों को फिर से जीना चाहेंगे। फिल्म राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित की गई है।
मुंबई- पुणे-मुंबई (मुंबई-पुणे-मुंबई (2010))
मुंबई-पुणे-मुंबई एक खूबसूरत रोमांटिक कॉमेडी है। फिल्म में दो अजनबियों की मुलाकात होती है जिसमें महिला पुणे में अपने होने वाले दूल्हे से मिलने जाती है। वह कुछ समय के साथ बिताती है लेकिन उसकी शादी करने का कोई इरादा नहीं होता है। हालांकि बाद में दोनों एक-दूसरे को महसूस से समझने शुरू कर देते हैं। फिल्म का अंत एक बेहतरीन संस्पेंस के साथ होता है।
ऑफि बनिच काही (2015) (ऑफि आनि बाराच काही (2015))
यह फिल्म भी प्यार में आने वाली जटिलताओं को दर्शाती हैं। कहानी बेहद समकालीन और भरोसेमंद है।