पुणे इंस्टीट्यूट के टॉपर थे एक्टर नव निश्चल, जैसे चाहते थे उसी रूप में चलकर आई मौत


नव निश्चल (@ NFAIOfficial / Twitter)

पुणे इंस्टीट्यूट के टॉपर नव निश्चल ने फिल्म ‘सावन भादो’ (सावन भादो) से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की। 19 मार्च 2011 उद्योग के इस बेहतरीन एक्टर ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कहा।

नई दिल्ली। 70 के दशक में कई हिट स्टार्स के बीच अपनी जगह बनाने वाले एक्टर नव निश्चल (नवीन निश्चल) अपने स्टाइल और फैशन सेंस के लिए इंडस्ट्री में मशहूर थे। लंबी चौड़ा कद और कातिल मुस्कान से उन्होंने बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं (फिल्म निर्माताओं) का दिल जीता और अपनी एक अलग पहचान बनाई। फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया में नव निश्चल ने अपने टेप में टॉप किया और फिल्म ‘सावन भादो’ (सावन भादो) से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की। 19 मार्च 2011 उद्योग के इस बेहतरीन एक्टर ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कहा।

एक्टर नव निश्चल 18 मार्च 1946 में पाकिस्तान के लाहौर में पैदा हुए थे। नव की पढ़ाई लिखाई बेंगलुरु के मिलिट्री स्कूल में हुई। एक्टिंग के शौकीन नव मुंबई चले आए। उनके पिता के अच्छे दोस्त रहे फिल्म निर्माता और निर्देशक मोहन सहगल ने नव को मुंबई आने पर पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से एक्टिंग सीखने की सलाह दी। नव ने एडीला भी लिया और एफटीआईआई से गोल्ड मेडल हासिल किया।

मोहन सहगल ने अपनी फिल्म ‘सावन भादो’ में रेखा के साथ बतौर एक्टर काम दिया। नव की पहली ही फिल्म रेखा की अदाओं के चलते सुपरहिट हो गई थी। इसके बाद नव के सामने फिल्म निर्माताओं की कतार लग गई। उन्होंने ‘बुड्ढा मिल गई’, ‘परवाना’, ‘वो मैं नहीं’, ‘विक्टोरिया नंबर 203’, ‘धर्मा’, ‘हंसते जख्म’ जैसी कई बेहतरीन फिल्में हिंदी जगत को दी। नव ने अपनी एक्टिंग से लाखों दिलों पर लंबे समय तक राज किया।

19 मार्च 2011 को नव मुंबई से पुणे अपने दोस्त गुरमीत और रणधीर कपूर के साथ होली मना रहे थे। रणधीर उन्हें पुणे के रास्ते में मिलने वाले थे। इससे पहले कि वह मुलाकात हो पाती नव की अचानक आई हार्ट अटैक से मौत हो गई। नव हमेशा से ही पेलेस डेथ चाहते थे और इस बात का जिक्र उन्होंने खुद कई बार किया था। उनकी ये चाहत ईश्वर ने बाखूबी पूरी की।







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