भोजपुरी विशेष: रउरो लगे फ्राड फोन आइल बा का कि हेतनास करोड़ जितले बानी!


जब हाल बा। हमरा फोन में रोज एगो-दूगो मैसेज आवेला कि हम हेतना हजार भा हेतना लाख रुपया इनाम जीत लेले बानी। अइसन बात नइखे कि कोरोना के कारण बेरोजगार भइल कुछ फ्राड स्वभाव के लोग ई करता है। ना, कोरोना काल के पहिलहूं अइसन होत रहल ह। आ आजु त हदे हो गइल ह। एगो फ्राडिया आदमी हमरा के व्हाट्सएप पर फोन कके कहते हैं कि ऊ “कौन बनेगा करोड़पति” टीम से बोलता आ का कहना है कि रउवें 13 करोड़ रुपये जीतने वाली लेले बानी। सुनते बुझा गइल ह कि ई महाफ्राड ह। हमरा नियर आदमी कहीं हूओ प्रतियोगिता में भाग ना ​​लेला।

त ई इनाम कहां से आ गइल? हम ओकरा के जोर से डेंटनी हं आ पुलिस में शिकायत केनिंग दिहनी हं। बाकिर ऊ हमार फोन नंबर कहां सेलेले बा? हमरा अंजज बा कि रउरो लगे अइसन मैसेज भा फोन आवते होइ। आ रउरो ऊहे करत होखब जवन हम कइनी हन। बाकिर ई साझेदार तबो कासे सक्रिय बा? जरूर केहू ना केहू फंसि जात होइ। करोड़पति के जरूर केहू ना केहू मति हिट जात होइ आ मति माराइल आदमी बैंक के डिटेल बता देबे होई। हालांकि अइसना आदमी के नंबर नगण्य होई। तबो ई फ्राड समूह सक्रिय बा तं के बाति बा। समाज में जागरूकता जागरूकता बा। समे को पता है कि ई कुल फ्राड ह।

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अइसन फोन अइला पर लोगन तरह- तरह के व्यवहार सुने के मेटला। केहू फोन करेवाला के गरियावेगेसेला। ओकरा मुंह से संभावित कुल गारी निकलेगे ली ल। त केहू पुलिस में रिपोर्ट करेकेनिंग देला। बाकिर अइसनो लोग बाड़े जे आनंद लेले आ फोन करे वाला के उल्लू बना देले। उ कइसे। त सुनयं। कौन फ्राडिया केहू भाई के फोन कइलस कि रउवें हेतना लाख लाख जितले बानी। त ऊ भाई प्रेम से ओकरा से बतियावे लगिहें, पुछिएन कि त इनाम पावे खातिर का करेके परी। फ्राडिया कही कि राउर काना बैंक में बाबा? त भाई हूओ बैंक के नॉन बता दिसेन। त फ्राडिया पूछी कि त रउवें ओह बैंक के डेबिट कार्ड नंबर आबिट कार्ड के पिन नंबर बता दीं.भाई ओकरा के एगो फर्जीबिट कार्ड नंबर बता दिगे। फेर पिन नंबर भी फर्जी बता दिसे। त फ्राडिया कही कि ठीक बा अबे रउन्थ लगे एगो ओ बफर जाई, ऊ हमरा के बता देब त हेतना लाख रुपया रउवें साल में चलि जाई। अभी फ्राडिया फोन पर रही आग उसी ओकरा सामने चालू कंप्यूटर पर पता चल रही जाई कि भाई ओकरा के बुरबक बना सकारे। ऊ कही कि ई त रउवें गलत लोग कार्ड नंबर आ पिन नंबर देले बानी। त भाई ठहाका लगा के हंसिबेन आ कहिसेन कि तू का जानत रहल ह, कि एगो तू ही चाल्हक बाड़। ई दुनिया एक से एक लोगन से भरल बा। फ्राडिया बोली कि रउवें आपन हमार समय बरबाद के दिहनी।

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त भाई कहिहें कि ई फद्रगिरी कबसे करतार ए भाई। कुछु फ्राडिया त ए सवाल का बाद फोन काटि देले सन। बाकिर कुछ फ्राडिया बताइयो देले सन कि हसन समय से ई फ्राड करतानी। अइसन टेप कइल फोन सोसल मीडिया पर कई गो आ चुकल बाबा। कतने केस सामने आ चुकल बा कि फलाना के बैंक के कुल्हि € कौन कौन फ्राडिया अनलाइन ले उड़ेल बा। त फ्राड्यन के कौनो जाति- धर्म ना होला। ऊ कुल पाप- पुण्य ना जानेले सन। कर्ज लेके घीव पीए वाला लोग त फिर भी किसो धो नइके करत। आ कर्ज लौटावे के बाबती कहती है। बाकिर ई फ्राडिया त का जाने अपना बापो- महतारी के होत होइहन सन कि ना।

जे फ्राड करी, ऊ त केहू के ना होइ। ओकरा दिमाग में दिन-रात फराडे गए। फ्राड ओकरा रोआं- रोआं में समा जाई। एक तरह के डीठ फ्राड अइसनो होला लोग। रउवें से कर्ज लेबे का घरी अइसन रोआं- रोआं गिरा दी लोग कि बुझाई कि ई बड़का बिपति में परल बाड़े। कुछ फ्राडिया त भोंकरि- भोंकरि रोवेगेलन स। कहिहन स कि रउवें के महीना भर में रुपया लौटा दिहन स। रउवें भावना में बहि के ओकरा के दू- चार हजार रुपया दे दिहलीं। ओकरा बाद महीना बीती, साल बीती आ का जाने कतना साल बीती जाई। बाकिर कर्ज लेबे वाला ऊ फराडिया भाई रउवें कि नाँ झंकबो ना करइहें। फोन करिबो त फोनोन ना उठाइएन। रउवें करजा देके वापस मांगत लाजे शुरू हो जाई।

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आखिरकार रउवें ई सोचही के कि द अभी ई ई डुबले बा, उनुका से मांगल छोड़ि देब। एगो दोसरका प्रकार के प्राणी होला लोग। अइसन प्राणी रउवें से कबो ना कही कि राउर कर्ज ना लौटइ। ऊ डेट पर डेट देत जाई आ जब डेट आई त फेरु कौनो अइसन बहाना बनाई कि रौशन चुप हो जाए के परी। कतने फ्राडिया त का जाने क हाली अपनी महतारी के मरे के बाती कहि के कर्ज लौटावे के डेट आगा खिसका देला लोग। बाकिर ओहू लोगन से बड़ एक प्रकार के प्राणी अउरी होला लोग। अइसन प्राणी कुछु दिन रउवें के बहाना बना के टरकावत रही लोग। आ एक बा बा एक कहि दी लोग कि रौशन जान मारे के बा त हमार जान मारि दीं, हम राउर कर्जा ना उतार सकेनी।

हम कंगाल हो गइल बानी। अब रौशन हजार- पांच सौ खातिर प्रपंच करे जाइबी ना। हं, ठीक बा रउवें भविष्य में उनुका के अब कर्ज ना देइबा। कर्ज मार देबे वाला आदमी के का मामला परी। ऊ हूओ दोसर पार्टी धरिें। केहू अउरी के चूना लगइहें। अइसन लोगन के सारा जीवन अइसहीं बीति जाला। आ मजे के बात ई बा कि अइसना लोगन के तगादा कइला पर कान पर जूं ना रसेला। ओह लोगन के नींद खुब बढ़िया आवेला। माने- कर्जा लेबे वाला संगीर नींन में सूटेला आ कर्ज देबे वाला के नीं गायब हो जाला। एही में श्रेष्ठ कवि रहीम कहि गइल बाड़े- “रहिमन तुम ठगाइए, तुम न ठगिए कोय ..” अब का कहल जाऊ।





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