नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने किया खुलासा- मैंने सिर्फ पैसों के लिए फिल्में की हैं और आगे भी करता रहेगा …


नवाजुद्दीन सिद्दीकी (फोटो क्रेडिट- @ nawazuddin._siddiqui / Instagram)

अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) ने अपने करियर को लेकर खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वे कई फिल्में (फिल्म्स) सिर्फ पैसे के लिए करते हैं और नवाज ने ऐसा करने के पीछे का कारण भी बताया है।

  • News18Hindi
  • आखरी अपडेट:30 नवंबर, 2020, 7:45 PM IST

मुंबई। बॉलीवुड में कई सालों की स्ट्रगल के बाद अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) आज अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। वो इंडस्ट्री के सबसे टैलेंटेड एक्टर्स में गिने जाते हैं। वह फ़िल्मों में 680 से लेकर खतरनाक विलेन तक कई तरह की भूमिकाएं निभा चुके हैं। जहां एक ओर नवाज नॉन कोमर्शियल फिल्मों में सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ वे कई सफल कॉमर्शियल फिल्मों का भी हिस्सा बने हुए हैं। उन्होंने खुद को मसाला फिल्मों से दूर नहीं दिया है। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अपने फ़िल्मी करियर को लेकर खुलासा किया गया है। उन्होंने कबूल किया है कि वे कई फिल्में (फिल्म्स) सिर्फ पैसे के लिए कर रहे हैं और उन्होंने इसके पीछे के कारण के बारे में भी बताया है।

नवाज ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में मसाला फिल्मों से परहेज नहीं करने की बात कबूली है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट की मानें तो उन्होंने कहा- ‘ऐसा नहीं है कि मैं उन्हें नहीं करूंगा। बात ये है कि जब मैं एनएसडी में था तो हम हर तरह का नाटक करते थे- संस्कृत में, पारसी गानों के साथ, डायलॉग लंबे होते थे और उन्हें चिल्लाकर बोलना पड़ता था। विलियम शेक्सपियर, एनटॉन चेकोव, रियलिस्टिक भी। एक एक्टर का काम है हर तरह के रोल करना ‘।

उनका कहना है कि ‘एक्टिंग तो एक्टिंग होगी। चाहे पेड़ पे चढ़कर करो, गली पे नुक्कड़ नाटक या मंच पे, एक अच्छा अभिनेता हर जगह अच्छा होगा। बात एक्टिंग की करो, वर्गीकृत करना ठीक नहीं है। हर शैली का फिल्म, निर्माता करना चाहिए। वृद्धि होती है। ये नहीं कि सिर्फ एक ही चीज … इसीलिए मुझे एक्टिंग पसंद है। मुझे हर फिल्म के साथ नई चीजें सीखने को मिलती हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता है ‘।

उन्होंने आगे कहा कि ‘हां, मैंने पैंसों के लिए फिल्में की हैं और आगे भी करता रहेगा। मैं ऐसी फिल्में करता हूं, जिसमें मुझे अच्छा पैसा मिल सकता है, ताकि मैं अच्छा सिनेमा कर सकूं, जहां मुझे पैसे ना मिलें या जिन्हें मैं मुक्त कर कर सकूं। मैंने मंटो फिल्म की थी, जिसके लिए मैंने पैसे नहीं लिए थे। इसके तीन-चार हफ्तों के अंतर में मुझे ऐसी फिल्में करनी चाहिए, जिनमें मुझे अच्छी रकम मिल सकती है, जिससे वह तनाव में रहे। ‘





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