
भोजपुरी में पढ़ें- जब लालू जाव कहले रहले, “पीट के ठंडा कर देंगे!”
खैर, अपना माई पर चाहे माई पर केन्द्रित अपना राचनन पर फेर कबो बटिआयेम। आज त भोजपुरी सिनेमा में माई पर बात करे के मूड बनवले बानी। लेकिन बात शुरू करे से पहिले माई पर आप कुछ शेर टी कहबे करब –
हजारो गम में रहीले माई, तबो ना कुछुओ कहेले माईहमार बबुआ फरे-फुलाये, इहे त मंतर पढ़े ले माई
नजर के कांटा कहेनी रौरा, जिगर के टुकड़े कहेले माई
‘मनोज’ हमरा हिया में हरदम, खुदा के जइसन रहे माई
हमार ई शेर माई के अहमियत के दरसावता। माई के रेटेड त भगवानो से ऊपर मानल गइल बा, काहे कि उ हमनी के सृजनकर्ता बाड़ी। भोजपुरी सिनेमा में माई के अहमियत दर्शावे कई गो फिलिम बनल बा। भोजपुरी फिलिम अक्सर गांव के कहानी पर केन्द्रित रहेला। गांव में आरोपितन के कद्र आजुओ शहर से ज्यादा बाबा। एही से भोजपुरी फिलिम में माई के रोल भले ही तनी कम हो जाए, बाकिर रहीला जरूर।
रोल करे वाला एक्टरन के राय
हम इयन भोजपुरी सिनेमा में माई अउर भोजपुरी स्टार के अनल ए ऑफ न्यूज माई के बात करे जा रहल बानी। माई के का-का योगदान बा अपना बेटा चाहे बेटी के हूर-हूरिन बनावे में, एहू पर चर्चा करब। इहो बताइब कि भोजपुरी सिनेमा में कवना तरह के माई गढ़ल जात रहल बाड़ी। साथ ही कुछ अइसन माई के भी जिक्र करब जे खुद भोजपुरी फिलिम के अभिनेत्री बाड़ी, माई बनत बाड़ी आ अपना बेटियो के हुरिन बना देले बाड़ी। कबो-कबो त उ खुद अपने बेटियो के माई बनत बाड़ी। तों माई के के अनूठे माई बनला पर ओकर संतान के फायदे सहज या शांत होने, इहो जानल दिलचस्प होई। भोजपुरी के सुप्रसिद्ध अभिनेत्री अक्षरा सिंह के माई नीलिमा सिंह भी भोजपुरी सिनेमा में काम करेली अउर बहुत सारा फिलिमन में उ माई के रोल कइले बाड़ी। नवोदित अभिनेत्री काजल यादव के माई माया यादव भी भोजपुरी सिनेमा के सूरन कलाकार बाड़ी अउर बहुत सारा फिलिमन में उहो माई के रोल कइले बाड़ी।
अघी पैटर्न बा का?
भोजपुरी सिनेमा में भी सब भाषा के सिनेमा जइसन ज्यादातर फिलिम में माई के भूमिका गढ़ल जाला लेकिन भोजपुरी में माई के कई गो रूप नइखे देखावल गइल। अमूमन भोजपुरी फिलिमन में माई के किरदार गढ़त समय कुछ विशेष पैटर्न के इस्तेमाल कइल जाला, जे कि किरदार के स्कोप कम करके ओकरा के गीतियंत्र बना देला, जइसे कि भपुरीरी फिलिम में माई, बाबूजी के मर गइला के बाद लाचार विधवा बनकर, फेरन पति के कातिलान से बदला लेवे खातिर अपना बच्चन के तइयार करेली। कबो माई मूक-स्क्रीनशॉट बनके अत्याचार सहत-सहत तलवार उठा लेली, लेकिन ई ओही परिस्थति में होला जब उनके पास उनकर हूर पुत्र ना होला। अगर फिलिम के कहानी में माई अउर बाबूजी दूनो जिंदा बाड़न त माई उआन केवल एगो फिलर के रूप में रहेली। हालांकि कई गो फिलिम अइसन बनल बा, जेकरा के मदर इंडिया के लीक पर बनल मानल जा सकते हैं, जाइसे कि राम बाबू के बनावल फिलिम ‘माई’ जे सन् 1989 में बनल रहे। ई फिलिम माई के केंद्र में रख के मेवल गाइल रहे। एह फिलिम में एगो माई अपना बच्चान खातिर संघर्ष करत बाबरी।
भोजपुरी फिलिमन के माई ओवेशन प्रगतिशील न्ही, जेक्शन कि अन्य भाषा के फिलिम के माई। यात्रियों की भाषा के फिलिमन में जहां बेटी के शिक्षा खातिर में अपना पति अउर पूरा समाज से लड़ जाली, पन्ना-धाय के तरह बलिदानी होखेली, त कबो अइसन बागी बन जाते हैं। जे अपना बच्चन के खुशी खातिर अपना घर-परिवार के छोड़ के अकेले निकल जाली, उहें भोजपुरी फिलिमन में माई के अइसन संघर्ष आ जीवटता दुर्लभ बा। जबकि मूल रूप से जिनगी में हमनी के समाज में अइसन बलिदान बाटे। भोजपुरी फिलिम इंडस्ट्री में बरिसन से माई के किरदार करेत कुछ अभिनेत्री लोग से हमार बात भइल। आईं ओह बात के रौआ लोग से साझा करत बानी।
बंदिनी मिश्रा –
सन् 1984 में आइल फिलिम ‘पान खाए सइयां हमार’ में हूर सुजीत कुमार के साथे हूरिन की भूमिका से डेब्यू करे वाली बंदिनी मिश्रा बाद के फिलिमन में माई के सफल किरदार निबले मिर्च की। बकौल बंदिनी उ अभी ले 70 के करीब भोजपुरी फिलिम कले लेले बाड़ी, जेकरा में माई की भूमिका वाला कई गो रोल रहल बा। उनका माई के किरदार वाला कुछ फिलिमन में खून बहाना, बारूद, सात सहेलियां अउर दीवाना प्रमुख बा। दीवाना फिलिम के गाने ‘तोहरा में निवासीला परनवा’ अउर सात सहेलियां के ‘माई हाउ माई बुझ मा माई के दरदिया’ इनका पर फिल्मावल खूबसूरत गाना बा।
पुष्पा वर्मा –
100 ग से ऊपर भोजपुरी फिलिम करे वाली पुष्पा वर्मा के माई की भूमिका निभावे खातिर भोजपुरी के ‘निरूपा रॉय’ भी कहल जाला। उ भोजपुरी के तकरीबन हर बड़का कलाकार के साथ काम कर चुकल बाबर। उनका माई के मजबूत किरदार वाला कुछ फिलिम में ‘माई के चरनिया में चारो धाम’, मनोज तिवारी के फिलिम ‘देहाती बाबू’ अउर ‘दामाद जी’, पवन सिंह के फिलिम ‘देवरा बड़ा सतावेला’ अउर ‘प्रतिज्ञा’ बाटे।
मैया यादव –
वर्ष 2001 में राव किशन के फिलिम ‘सइयां हमार’ से आपन करियर की शुरुआत करे वाली माया यादव फिलिम में भाभी अउर माई के किरदार खूब निबेले बाबरी। नवोदित अभिनेत्री काजल यादव माया यादव की ही बेटी हई। पुरनका भोजपुरी फिलिमन के प्रसिद्ध अभिनेत्री माधुरी मिश्रा उनका के भोजपुरी फिलिम में काम करे के सलाह देले रहली। बकौल माया, उ अभी तक 250 से ऊपर फिलिम कर चुकल बाड़ी, जेकरा में माई के दमदार रोल वाला सराहनीय फिलिमन में दिनेशलाल यादव निरहुआ के ‘दिलेर’ अउर ‘बिहेसिया’, खेसारीलाल के ‘लाडला’, विराज भट्ट के फिलिम की विरासत और स्टॉर्मी। ‘अहम बाबा। फिलिम ‘लाडला’ के एगो गीत उनका पर फिल्मावल गाइल रहा, जवन कि ओ बेरा खु चल रही। गीत के बोल रहे ‘ममता के अनमोल चरणों कबो ना दिल से तेजे, कुहुकेला हरदम बेटे खातिर माई के करेजा।’
नीलिमा सिंह –
प्रसिद्ध भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह के माई नीलिमा सिंह भी भोजपुरी फिलिमन में माई के कई गो किरदार निसंले बाबरी। हालांकि उनकर नेगटिव किरदार ज्यादा मशहूर रहल बा। उ हिट टीवी शो ‘निमकी मुखिया’ में अनारो देवी के रोल खातिर भी जानदार जाली। बकौल निलिमा, उ अभी ले भोजपुरी में 50 से अधिक फिलिम कर चुकल बाड़ी। उनका माई के रोल वाला कुछ चिरचित अउर बढ़िया फिलिम में, ‘उग सूर हो सूरुज देव’, ‘बिदाई’, ‘आज के करण अर्जुन’ अउर ‘ससुराल’ रहल बा जवन “उनकी किरदार के चलते भी खूब चल रही हैं। फिलिम ‘उग ऊपर हो सूरुजदेव’ में उनका ऊपर एगो गाना ‘अनमोल रतन धन’ फिल्मावल बा जेकरा में माई के ममता के सुंदर रूप देखावल गइल बा।
किरण यादव –
वर्ष 2003 में कुणाल सिंह के फिलिम ‘कन्यादान’ से आपन करियर शुरू करे वाली किरण यादव भी माई के दमदार रोल निभवले बाबरी। निरहुआ के अधिकांश फिलिम में माई के रोल करे वाली किरण यादव मनोज तिवारी के फिलिम ‘दरोगा बाबू आई लव यू’ में पहिला बार माई के रोल कइले रहली। उ लाचार माई से लेके वंश खातिर कवनो हद तक हो जाए माई की भूमिका निबलले बाबरी। फिलिम ‘लहू के दो रंग’ में उनकर किरदार उनका सबसे ज्यादा पसंद बा काहे कि ओकरा में औरत के डोली से बकाई के अइला से लेके अर्थी पर अंतिम यात्रा तक के कहानी बा। एकरा के अलावा फिलिम ‘कच्चे माल’ में कुइल सौतेली माई जे बाद में कोमल हो जात बाड़ी, के भी लोग खूब पसंद कइले बा। ‘बेटा’ फिलिम में जेल में एगो बच्चा के पैदा होने वाली माई के संघर्ष में भी उनके दिल के बहुते करीब बाबा। निरहुआ के फिलिम वाला जिगरवाला ’में उनका पर फिल्मावल गाइल गाना के अमृत के धार’ काफी सुंदर बन पड़ बा।
भोजपुरी सिनेमा में माई पर गीत
भोजपुरी फिलिम में माई पर सिकल लेखन बाबा अउर गावल गइल बा। 1980 में आइल फिलिम ‘रुस गाइलें सियेंस हमार’ के गीत ‘माई रे माई तोर मनवा गंगा के पनिया हो राम’ रफी साहेब की आवाज में यादगार गीत बा। एगो अउर अइसनके गीत ‘पंडी जी बताईं ना बियाह कब होई’ फिलिम में बाटे, ए गाना के बोल बा ‘माई जइसन हो, के करी दुनिया में प्यार’।
ई गाना माई के अपना बच्चान खातिर प्रेम आ ममता के खूबसूरत उदाहरण बा। फिलिम ‘गंगा किनारे मोरा गांव’ के एगो लोरी ‘जिएसे रोज आवेलू तू टेर सुनके’ ओ बेरा भोजपुरी क्षेत्र में बहुतेरे मशहूर भईल रहे। ओह गाना के आपन दर्द भरल आवाज दिहले रहली उषा मंगेशकर। सुपरस्टार खेसारीलाल के फिलिम ‘लाडला’ में भी एगो गाना माई के समर्पित कइल गइल बा जवना के बोल बा ‘ममता के अनमोल चरणों’ में गाते हैं। ई फिलिम भी माई अउर बेटा के अनमोल संबंध पर बनल यादगार भरिम बा। एह फिलिम के कहानी, पटकथा, गीत आदि बहुते नीक बन पड़ल बा। फिलिमन से इतर भोजपुरी गीत-संगीत में भी लोक गायक द्वारा माई पर केन्द्रित ढेर सारा गाना गावल गइल बा जवन कि बहुत प्रसिद्ध भइल बा। जइसे कि लोक गायिका चंदन तिवारी के स्वर में सुभाष यादव के लिखल गीत ‘केहू केतनो दुलारी बाकी माई ना होई’ चाहे हमार (मनोज भावुक) लिखल गीत ‘बबुआ रायल अब से अयान कि गोदे नू छोट हो गइल’, सरे पसंद कइल गइल बाब। चंदन एगो अइसन गायिका बाड़ी जे माई पर सीरीज कर रहल बाड़ी। ओह में माई पर केंद्रित हमरो कविता आ गजल शामिल बा। निर्देशक-संग रजनीश मिश्रा के फिलिम ‘मेंहदी लगा के रखना’ में हमार लिखल जवन गीत शामिल बा, ओकर बोल बा-
अंचरा छोड़ के चल काहे दिहले, एवेस दूर ए माई
अब के बबुआ-बबुआ कहके हमके पास बोलाई
तोरा बिना जीही, जीही कइसे, तोर बउरहवा ए माई
रजनीश मिश्रा अपना फिलिमन में माई के सौंदर्य से देखावत रहल बाचन। निरहुआ के फिलिम वाला जिगरवाला ’में उनका संगीत निर्देशन में प्यारेलाल यादव के लेखनल आलिोक कुमार के गावल एगो खूबसूरत गीत बा, के अमृत के धार केहू केतनो पिआई, एगो माई बिना, कइसे करेजवा जुड़ाई, ए भाई, अओगो माई बिना।’।
(लेखक मनोज भावुक भोजपुरी सिनेमा के इतिहासकार हैं)