गीताली (फोटो क्रेडिट- @ geeta_bali_1930 / Instagram)
कपूर फैमिली में नियम को तोड़कर फिल्म उद्योग में अपनी अलग पहचान बनाने वाली गीताली (गीता बाली) की आज डेथ एनीवर्सरी है। इस मौके पर हम उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ बातें याद कर रहे हैं।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:21 जनवरी, 2021, 6:57 पूर्वाह्न IST
गीताली का जन्म 1930 में सरगोधा शहर में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। गीताली का असली नाम हरकीर्तन कौर था। गीताली का परिवार भारत-पाकिस्तान बंटवारा होने से पहले ही मुंबई में आकर बस गया था। गीता के माता-पिता आधुनिक खयालात के लोग थे इसलिए उन्हें फिल्मों में काम करने में परेशानी नहीं हुई ।गीताली शास्त्रीय संगीत, पटवारी और डांस में निपुण थे। गीताली के भाई का नाम दिग्विजय सिंह था। दिग्विजय सिंह भी फिल्म निर्देशक थे और 1952 में अपने भाई की ही फिल्म ‘राग रंग’ में गीताली ने अशोक कुमार के साथ काम किया था।
महज 12 साल गीताली के करियर की शुरूआत फिल्म कोबलर हुई थी। साल 1946 में गीताली फिल्म ‘बदनामी’ से बतौर बॉलीवुड एक्ट्रेस के र्रोप में नज़र आईं। 1950 गीताली के फिल्मी करियर का सबसे सफल दशक था। गीताली इस दशक की टॉप बॉलीवुड अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं। 1963 में प्रकट हुई ‘जब से तुम्हें देखा’ उनकी आखिरी फिल्म थी। अपने 10 साल के फिल्मी करियर में गीता ने 70 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया था।
बता दें कि गीताली और शम्मी कपूर ने 1955 में मंदिर में शादी की थी क्योंकि दोनों के परिवार इस शादी के लिए राजी नहीं थे। इतना ही नहीं गीताली ने कपूर खानदान की प्रथा भी तोड़ी और ना सिर्फ शादी के बाद भी फिल्मों में काम किया, बल्कि अपनी मौत के साल भी वो फिल्म में काम कर रही थीं। गीताली ने अपने दौर के हर बड़े कलाकार के साथ काम किया। वहीं शम्मी कपूर से शादी से पहले ही गीता अपने जेठ राज कपूर और ससुर अर्थराज कपूर के साथ काम कर रही थीं। राजकपूर के साथ गीताली ने ‘बावरेन’ की तो ससुर पृथ्वीराज कपूर के साथ ‘आनंद मठ’ मेद किया था।