
(फोटो क्रेडिट: इंस्टाग्राम / @ priyankachopra)
प्रियंका चोपड़ा (प्रियंका चोपड़ा) को एक समय पर फेयरनेस क्रीम का ऐड करने को लेकर भारत में काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इटली में कदम रखने के बाद उन्होंने फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन नहीं करने का फैसला लिया। प्रियंका चोपड़ा के मुताबिक, एक भारतीय एक्टर के तौर पर फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करना काफी आम बात है।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:26 जनवरी, 2021, 10:17 AM IST
प्रियंका चोपड़ा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करने का काफी दुख है। उन्हें एक समय पर फेयरनेस क्रीम का ऐड करने को लेकर भारत में काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इटली में कदम रखने के बाद उन्होंने फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन नहीं करने का फैसला लिया। प्रियंका चोपड़ा के मुताबिक, एक भारतीय एक्टर के तौर पर फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करना काफी आम बात है। क्योंकि, उद्योग में कई ऐसे एक्टर हैं, जो इसके विज्ञापन करते हैं।
प्रियंका चोपड़ा ने अपनी पुस्तक ‘अनफिनिश्ड’ में भी इस मुद्दे पर खुलकर बात की है। इस पुस्तक में प्रियंका ने लिखा है- ‘दक्षिण एशिया में स्किन लाइटिनिंग क्रीम का विज्ञापन करना आम बात है। क्योंकि, उद्योग काफी बड़ा है और हर कोई ऐसा विज्ञापन करता है। कुछ लोग इसे ठीक मानते हैं, लेकिन अब यह लोगों के बारे में जागरूकता देखने को मिल रहा है। एक महिला एक्टर जब ऐसे विज्ञापन करती है तो यह बुरा माना जाता है। मेरे लिए भी यह करना गलत था। मैं जब बच्ची थी तो खुद को गोरा दिखाने के लिए टेल्कम पाउडर लगाती थी, क्योंकि मुझे लगता था कि डार्क स्किन होना अच्छी बात नहीं है। ‘
ये भी पढ़ें: राखी सावंत ने बदन पर लिखा अभिनव का नाम, देखकर भड़क गई रुबीना, बोलीं- मेरे पति का टैटू करवाकर …मालूम हो कि प्रियंका चोपड़ा ने 2015 में इस तरह के विज्ञापनों से खुद को दूर रखने का फैसला लिया था। प्रियंका चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें इसके बारे में काफी बुरा महसूस होता है, जिसके चलते उन्होंने फेयरनेस क्रीम का ऐड करना बंद कर दिया था। प्रियंका चोपड़ा के मुताबिक, उनके सभी भाई-बहन काफी गोरे थे, उनके परिवार में केवल वही थे, जिनके स्कीन डार्क थे। मजे लेने के लिए उनके परिवार में लोग उन्हें काले, काले कहकर बुलाते थे।