
धारा ‘परो है कसीस के पियार में’ का एक सीन।
परो है कसीस के पियार में (घुम है केसी कुंजी प्यार में) के 1 फरवरी के चरण में अश्विनी, सई (साई) को समझाती हैं कि व-किरात कैसे उसकी देखभाल करने लगा है और उसका गीत नवीन रखता है। वहाँ बाहर खड़ी पाखी सारी बातें सुन लेती है।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:1 फरवरी, 2021, 5:03 PM IST
वहीं सईवरिनी को बताती है कि व-किरात उसकी खैरे से धचनान रख रही है और उसने अपने हाथों से उसे कल रात खाना खाइला। ये सब बातें वहाँ खड़ी पाखी (पाखी) सुन लेती है। इसपर अश्विनी कहती है कि जो लोग दूसरों की बातें सुनते हैं वे खुद को ही चोट पहुंचते हैं। वहीं पाखी का हाथ गर्म बर्तन से लगकर जल जाता है। इस पर अश्विनी उसे फीर कहती है कि यही कारण है कि मैं अपने काम से काम रखने की सलाह देती हूं।
वहीं व्रत ब्रिगेडियर सूद से सम्राट की खोज खबर लेता है और सम्राट की खोज में खुद एक सर्च टीम को लीड करने की बात करता है। ब्रिगेडियर उसे ऐसा करने से मना करते हैं और कहते हैं कि वह सम्राट को ढूंढने की पूरी कोशिश कर रहा है। संभवनी चाय पीते हुए उसे बुरी चाय बताती है तो सोनी सई की बेइज्जीती करते हुए उसने यह चाय बनाई है, कहती है। सई बताने की कोशिश करती है कि उसने ये चाय नहीं बनाई है, लेकिन सभी घरवाले उसकी बात सुने बीन ही उसे भला-बुरा कहने लगते हैं। बाद में अश्विनी भवानी को बताती है कि ये चाय उनकी पियारी बहू पाखी ने ही बनाई है। इसके बाद भवानी और सोनाली पाखी के पक्ष में बोलने लगते हैं।