
हाल ही में वैभव ने हिंदी फिल्मों में अपने अनुभवों को साझा किया। न्यूज 18 की वैशाली जैन से बात करते हुए वैभव ने अपने सफर को बेहतरीन बताया। उद्योग का ना होने के बावजूद भी वह खुद को काफी लकी मानते हैं। उन्होंने कहा- मैं काफी लक्की हूं। बाजीराव मस्तानी की बात करूं तो संजय लीला भंसाली के साथ मुझे काम करने का मौका मिला। उन्हें पता है कि उन्हें अपने एक्टर्स से क्या करवाना है और उन्हें कोई दूसरा नहीं बता सकता है कि उन्हें क्या करना है। ऐसा ही कुछ मेरे दूसरे प्रोजेक्ट्स, हंटर, रैपिस्टिक अंडर माय बुर्का और मणिकर्णिका के साथ भी मैंने महसूस किया है।
इंसाइडर वर्सेज आउटसाइडर पर क्या सोचते हैं वैभव?
इंसाइडर या आउटसाइडर के डिबेट पर चर्चा करते वैभव ने कहा- जब हम इंसाइडर और आउटसाइडर के बारे में बात करते हैं तो हमें समझना चाहिए कि यह पूरी बहस उद्योग में अवसर मिलने की दृष्टि से प्रासंगिक है। अगर मैं उद्योग का ही होता तो मेरे लिए कुछ चीजें काफी आसान होतीं। जैसे कि काम के सिलसिले में सही लोगों से मिलते हैं। यह बात को लेकर लोग अपनी पूरी जिंदगी जूझते रह जाते हैं। इसलिए अगर आपके उद्योग के लोगों से कनेक्शन हैं तो ये आपके लिए फायदेमंद होगा क्योंकि तब आप सही लोगों से सही हो पर मिल सकते हैं।
नेपोटिज्म पर वैभव ने अपनी राय रखी है
वैभव ने इंडस्ट्री में नेपोटिज्म पर अपनी राय रखते हुए कहा- क्रिएटिव फील्ड में अगर नेपोटिज्म की बात करें तो अगर मैं अपने बच्चे को सपोर्ट कर रहा हूं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर कोई पिता अपने बेटे को नहीं मनाएगा तो कौन करेगा? लेकिन अगर कोई उभरता हुआ आउटसाइडर के करियर को दबाकर अपने किसी का करियर बनाता है तो ये अनैतिक है और मेरे हिसाब से इस उद्योग में हर कोई इस चीज के खिलाफ है।
काजोल के साथ वैभव। दोनों ने त्रिभंगा में साथ काम किया है
कंगना रनौत पर वैभव ने की टिप्पणियाँ
हिंदी फिल्म उद्योग की बड़ी अभिनेत्रियों के साथ काम करने को लेकर वैभव तत्वादी ने कहा- प्रियंका, दीपिका, कंगना, काजोल, रतना पाठक जैसे बहुत बड़ी अभिनेत्रियों के साथ मैंने काम किया है, उनमें से एक बहुत कॉमन है, वो ये कि वो उन हैं। सभी के अंदर अपने काम को करने के लिए बच्चों जैसा उत्साह है अगर उन लोगों ने कई फिल्मों में काम किया है। ऐसी स्टारडम होने के बावजूद जो उत्साह है वह तारीफ के काबिल है। मैं रतना जी का साराभाई वर्सेज साराभाई के वक्त से फैन हूं और काजोल मैम का तो हर 90 के दशक में पैदा हुआ व्यक्ति फैन है। उन लोगों से मैंने बहुत कुछ सीखा है। मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झाँसी के सेट पर कंगना रनौत मुझे बहुत स्नेह और आत्मीयता से बहुत प्रभावित थे। हर किसी की अलग-अलग राय होती है, लेकिन मेरे अनुभव के अनुसार मुझे कभी कोई परेशानी नहीं हो रही है और उन्होंने मुझे बहुत अच्छा बर्ताव किया था।
एक्टर के तौर पर जल्द ही नजरअंदाज हो जाएगा
आपको बता दें कि वैभव ने लीड एक्टर के तौर पर अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली है। इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित निर्देशक मकरंद माने डायरेक्ट कर रहे हैं। अंजली पाटिल वैभव के साथ इस फिल्म में काम करती नजर आएंगी और ये फिल्म इसी साल रिलीज होगी। वैभव सोनी लिव की एक वेब सीरिज में भी नजर आएंगे।