
राजेंद्र नाथ ने 1961 में बनी फिल्म ‘जब जब फूल खिले’ में पोपट लाल का किरदार निभाया था। यह किरदार इतना हिट हुआ कि लोग आज भी उन्हें राजेंद्र नाथ की जगह पोपट लाल के नाम से याद करते हैं। आपको बता दें कि कपूर परिवार से राजेंद्र नाथ का गहरा संबंध है। राजेंद्र नाथ की बहन कृष्णा से राज कपूर की शादी हुई थी। इस शादी के बाद राजेंद्र नाथ के मुसलमानों ने भी बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपना पैर जमाना चाहा। सबसे पहले राजेंद्र नाथ के बड़े भाई प्रेम नाथ मुंबई पहुंचे और निर्माता में काम करने लगे। इसके बाद राजेंद्र नाथ भी मुंबई आकर थिएटर से जुड़ गए।
राजेंद्र नाथ को अपनी पहली फिल्म पाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा था। काफी मेहनत के बाद डायरेक्टर नासिर हुसैन ने उन्हें अपनी फिल्म ‘दिल देके देखो’ (1959) में छोटा सा रोल दिया। इस फिल्म में राजेंद्र नाथ की एक्टिंग देख नासिर हुसैन काफी खुश हुए और उनके बाद उन्हें कई फिल्मों में कास्ट करने लगे। इसके बाद नासिर हुसैन की फिल्म ‘जब जब फूल खिले’ (1961) में राजेंद्र नाथ को पोपट लाल का किरदार प्लेया। उनका यह किरदार देव आनंद पर भारी पड़ गया।
इसके बाद राजेंद्र नाथ पोपट लाल के रूप में स्टेज शो करने लगे। इस शो में वह खास अंदाज में स्टेज पर चुटकुले सुनाते और मिमिक्री करते हैं। वह यूरोप और अमेरिका में भी बहुत लोकप्रिय थे। 1969 में उन्होंने गुलशन कृपलानी से शादी की। कुछ समय बाद वह कार दुर्घटना का शिकार हो गई और लंबे समय तक बिस्तर पर रहने की वजह से उन्हें फिल्मों में काम मिलना बंद हो गया था। 1974 में उन्होंने फिल्म बनाने की सोची। रणधीर कपूर और नीतू सिंह को लेकर उन्होंने फिल्म ‘ग्रेट स्टारर’ की शुरुआत की, लेकिन जल्द ही वह भारी कर्जे में डूब गए। इस मुश्किल वक्त में प्रेम नाथ ने उनका साथ दिया था।
कुछ दिनों बाद राजेंद्र नाथ ने फिल्मों में अमीनय की दूसरी पारी शुरू की। राज कपूर की ‘प्रेम रोग’ और ‘बीवी ओ बीवी’ में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 90 के दशक में काजोल की पहली फिल्म ‘बेखुदी’ और नीलम स्टारर ‘नायडू’ उनकी अंतिम फिल्में थीं। वह ‘हम पांच’ शो में भी नजर आए थे।