B’day Spl: तीन शादियों के बाद भी तन्हा रही विनोद मेहरा, अचानक मौत से हिल गई थी इंडस्ट्री- News18


मुंबई: 13 फरवरी 1945 को पंजाब (पंजाब) के अमृतसर में जन्म लेने वाले एक्टर विनोद मेहरा (विनोद मेहरा) आज भी अपने प्रदर्शन के लिए याद किए जाते हैं। अपनी बेहतरीन एक्टिंग से दर्शकों के दिल में अमित छाप छोड़ने वाले विनोद मेहरा (जन्मदिन की शुभकामनाएं विनोद मेहरा) की निजी जिंदगी में काफी उथल पुथल भरी थी। प्रेम के पुजारी रहे विनोद ने चार बार शादी की थी। बॉलीवुड में बड़े स्टार वाला तमगा तो विनोद नहीं ले पाए लेकिन उनकी बेहतरीन अदाकारी का ही कमाल था कि प्रेम अमर प्रेम ’, ारा अनुराग कुंवारा बाप’, पत्थर लाल पत्थर ’, जन साजन बिना सुहागन’ जैसी दर्जनों फिल्मों के लिए आज भी यादगार बना जाता है।

हालाँकि, ये अलग बात है कि फिल्म ‘रागिनी’ से बॉलीवुड में कदम रखने वाले इस अभिनेता को फिल्मों से ज्यादा अपने लव लाइफ के लिए याद किया जाता है। जब भी विनोद मेहरा की बात होती है तो बॉलीवुड की महान अभिनेत्री रेखा का जिक्र जरूर आता है। विनोद मेहरा और रेखा ने सबसे छुपकर शादी की थी। यलाकि रेखा और विनोद की शादीशुदा जिंदगी लगभग 2 महीने ही चली। लेकिन 1973 में इस जोड़ी की खबरें आए दिन मीडिया में सुर्खियां बटोरती थीं। कभी अफेयर तो कभी शादी की खबरें आए दिन छपती रहती थीं।

रेखा को विनोद मेहरा के परिवार में कभी बहू का दर्जा नहीं मिला। उनके संबंध को लेकर उन दिनो गॉसिप का बाजार काफी गर्म रहता था। कहते हैं कि विनोद मेहरा जब अपनी मां से मिलवाने रेखा को लेकर गए तो विनोद की मां फर में आग बबूला हो गईं। उन्होंने जमकर रेखा की बेइज्जती की और उन्हें घर में घुसने नहीं दिया। इतना ही नहीं रेखा को चप्पलों से पीटा भी था। विनोद मेहरा मां और प्यार के बीच तालमेल बैठा पाने में नाकाम रहे और इस रिश्ते ने दम तोड़ दिया।

महज 45 साल की जिंदगी जीने वाली विनोद मेहरा ने एक नहीं बल्कि चार शादियां की थी। पहली शादी विनोद की मां ने मीना से करवाई थी लेकिन ये रिश्ता भी नहीं चल पाया। इसके बाद विनोद की फिल्मों में हूरिन रही बिंदिया गोस्वामी से खूब अफेयर चला। शादीशुदा विनोद ने बिंदिया के साथ घर बसा लिया। हांलाकि ये शादी भी लंबी नहीं चल रही है।

विनोद मेहरा

विनोद मेहरा, रेखा

बिंदिया से अलग होकर टूट चुके विनोद की नजदीकिया रेखा के साथ हुईं। रेखा भी अमिताभ बच्चन से दूर होने के बाद काफी खुश हो गई थीं। दोनों ने अपने अकेलेपन को साझा करने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए।

इसके बाद विनोद की जिंदगी में किरण ने एक लड़की को बुलाया। जिसके साथ चौथी बार शादी कर जीवन को ट्रैक पर लाने की कोशिश की।विनोद और किरण के दो बच्चे भी हुए। एक बेटा और बेटी के साथ सुकून भरा जीवन बिता रहा विनोद की खुशी विधाता से ही नहीं देखा गया। 30 दिनबूर 1990 को दिल का दौरा पड़ने से इनकी मौत हो गई थी। इस जोड़ी को ईश्वर ने ही ब्रेक दिया था।





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