
कंगना रनौत बताती हैं कि भारतीय फिल्मों में पुरुषों को महिलाओं को परेशान करते हुए चित्रित किया जाता है।
कंगना रनौत (कंगना रनौत) बताती हैं कि भारतीय फिल्मों में पुरुषों को महिलाओं को परेशान करते हुए चित्रित किया जाता है। उन्होंने कहा कि फिल्म में महिलाओं को ‘तंदूरी चिकन’ कहा जा रहा है और यह भारतीय सिनेमा में महिलाओं का ‘शर्मनाक’ चित्रण है।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:20 फरवरी, 2021, 11:41 PM IST
हाल ही में, धाकड़ स्टार ने 2014 के शो ‘सत्यमेव जयते सीजन 3 (सत्यमेव जयते सीजन 3)’ से आमिर खान के साथ की अपनी एक वीडियो क्लिप शेयर की है, जिसमें वे दीपिका पादुकोण और परिणीति चोपड़ा के साथ नजर आ रहे हैं। क्लिप में कंगना बड़े पर्दे पर महिलाओं के गलत चित्रण के बारे में बात करती नजर आ रही हैं।
कंगना ने 2014 के आमिर के शो के एक चरण से एक वीडियो को दिखाया है। क्लिप में कंगना अपने विचारों को साझा करती हुई दिखाई दे रही हैं कि सिनेमा समाज को कैसे प्रभावित करता है? वह विलियम शेक्सपियर के उदाहरण को उद्धृत करते हुए बताती हैं, जिन्होंने सकारात्मक प्रभाव के साथ डार्क स्टोरिज और विचारों को लिखा था।
कंगना बताती हैं कि भारतीय फिल्मों में दिखाया जाता है कि पुरुषों को महिलाओं को टीज करते हुए चित्रित किया जाता है। उन्होंने कहा कि फिल्म में महिलाओं को ‘तंदूरी चिकन’ कहा जा रहा है और यह भारतीय सिनेमा में महिलाओं का ‘शर्मनाक’ चित्रण है।
यह देखो, यह कई साल पहले मेरे शुरुआती बीसवें दशक में नारीवाद को नारीवाद की शिक्षा दे रहा है, आप सभी आने वाली लिबरू नारीवादियों को सुनो, तुम किस स्कूल में पढ़ते हो हम वहाँ के प्रिन्सिपल रह चुके हैं! https://t.co/ZwpPRXwggP
– कंगना रनौत (@KanganaTeam) 19 फरवरी, 2021
इसी वीडियो क्लिप में बाद में में, आमिर ने दीपिका से उनका दृष्टिकोण पूछा तो पद्मावत फेम एक्ट्रेस ने कहा कि, उन्होंने सुना है कि सिनेमा का समाज पर हमेशा बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है, लेकिन वह ‘कभी इसे गंभीरता से नहीं लेती’। अब तक वे इसके बारे में चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भविष्य में, वह शायद अधिक सावधान रहेंगी।
ट्वीट को शेयर करते हुए कंगना ने लिखा है, ‘यह देखिए, कई साल पहले बीस के दशक के शुरुआत से मैं बुलीवुड को फेमिनिज्म की शिक्षा दे रही हूं। आप सभी आने वाली लिबरू नारीवादियों की सुनो, तुम जिस स्कूल में पढ़ते हो, हम वहां के प्रिंसिपल रह चुके हैं। ‘