शिशु विभाग का छापा, अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू की आवाज दबाने की कोशिश- एनसीपी


शिशु विभाग ने बुधवार को अनुराग कश्यप सहित कुछ फिल्मकारों और एक्ट्रेस तापसी पन्नू के परिसरों पर छापे मारे।

एनसीपी) के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि, ‘अनुराग कश्यप (अनुराग कश्यप) और एक्ट्रेस तापसी पन्नू (तापसे पन्नू) के परिसरों पर छापेमारी की गई। दोनों नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। यह कार्रवाई उनकी आवाज को दबाने का प्रयास है। ‘

मुंबई। फिल्ममेकर अनुराग कश्यप (अनुराग कश्यप) और एक्ट्रेस तापसी पन्नू (तापसे पन्नू) के परिसरों पर बुधवार को शिशु विभाग ने छापा मार दिया था। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक कांग्रेस और एनसीपी ने दोनों नेताओं के परिसरों पर भौतिकी विभाग के छापे की आलोचना की और इसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ बोलने वालों की आवाज दबाने का प्रयास बताया।

राज्य के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस नेता और राज्य में मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि केंद्र सरकार ‘तथ्य’ सामने रखने वालों पर दबाव बना रही है, इसलिए वे चुप हो जाएं।

मलिक ने दक्षिण मुंबई में विधान भवन के बाहरी मालिकों से कहा, ‘सरकार के खिलाफ रुख अपनाने वालों और शासन की नीतियों के विरूद्ध बोलने वालों के खिलाफ ईडी, सीबीआई और शिशु विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू के परिसरों पर छापेमारी की गई। दोनों नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। यह कार्रवाई उनकी आवाज को दबाने का प्रयास है। ‘ विधान भवन के बाहर मीडियाकर्मियों से पीडब्लूडी मंत्री चव्हाण ने कहा कि छापेमारी नई बात नहीं है।

एक सवाल पर चव्हाण ने कहा, ‘यह नया नहीं है। हम अक्सर यह (इस तरह की कार्रवाई) देख रहे हैं। जो लोग तथ्य सामने रखते हैं, उन पर दबाव बनाया जाता है ताकि वे न बोलें। ‘ अधिकारियों ने बताया कि शिशु विभाग ने बुधवार को अनुराग कश्यप सहित कुछ फिल्मकारों से जुड़े परिसरों, रिलायंस इंटरटेनमेंट समूह के सीईओ शिभाशीष सरकार और एक्ट्रेस तापसी पन्नू के परिसरों पर छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई और पुणे में 30 स्थानों पर स्थित परिसरों की तलाशी ली गई।







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