
बॉलीवुड के ‘कल्लू मामा’ सौरभ शुक्ला का 5 मार्च को जन्मदिन है। (फोटो साभार: नेटवर्क 18)
बॉलीवुड में कई ऐसे फिल्म कलाकार (फिल्म कलाकार) हैं, जो भले ही कोएक्टर का रोल निभाते हैं, लेकिन मेन लीड रोल करने वाले हुर को भी पछाड़ देते हैं। ऐसे ही एक एक्टर हैं सौरभ शुक्ला (सौरभ शुक्ला), जिन्होंने थिएटर से बॉलीवुड में कदम रखा और दर्शकों के दिल पर छा गए।
सौरभ शुक्ला (सौरभ शुक्ला) को कला विरासत में मिली है। इनकी मां जोगमाया शुक्ला भारत की पहली महिला तबला वादक थीं तो उनके पिता शत्रुघ्न शुक्ला आगरा घराने के एक वकील थे। मीडिया से बात करते हुए सौरभ शुक्ला ने बताया था कि उनकी मां और पिता दोनों कलाकार तो थे ही दोनों ही फिल्मों के भी बेहद रसिया थे। ये अक्सर अपने बच्चों को लेकर फिल्में देखने जाते थे। सौरभ को बचपन से अपने घर में फिल्मी माहौल मिला। इनकी माँ ने ही उन्हें एक्टिंग करने की राह दिखाई।
सौरभ शुक्ला ने बॉलीवुड में मशहूर निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर की ‘बैंडिट क्वीन’ से कदम रखा। इस फिल्म में सौरभ शुक्ला की एक्टिंग दर्शकों को पसंद आई। इसके बाद वह ‘इस रात की सुबह नहीं’, ‘करीब’ और ‘जख्म’ जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन सौरभ शुक्ला के काम को असली पहचान और नाम रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘सत्या’ से मिला। इस फिल्म में उन्होंने गैंगस्टर कल्लू मामा का किरदार निभाया है। कल्लू मामा का रोल प्ले करने के बाद सौरभ शुक्ला को इसी नाम से जाना जाने लगा।
सौरभ शुक्ला ने एक फिल्म फेस्टिवल में बताया था कि वह सत्या फिल्म में काम नहीं करना चाहते थे। इस फिल्म को केवल कल्लू मामा के रोल के लिए किया गया था। तब सौरभ को क्या पता था कि ये किरदार उनके एक्टिंग करियर में मील का पत्थर साबित हो जाएगा। बता दें कि सौरभ ‘सत्या’ के को राइटर भी हैं, अनुराग कश्यप के साथ मिलकर इस फिल्म को लिखा है।