
देविका रानी (फोटो साभार: @ मोवीज एन मेमोरीज़)
देविका रानी (देविका रानी) हिंदी सिनेमा की ऐसी ही एक अभिनेत्री थीं, जिनकी बोल्ड अदाओं और शानदार व्यक्तित्व की चर्चा 2021 में भी की जाती है। देविका रानी को फर्स्ट लेडी ऑफ इंडियन सिनेमा के रूप में जाना जाता है।
देविका रानी का जन्म 30 मार्च, 1908 वाल्टेयर (विशाखापत्तनम) में हुआ था। वे मशदबर कवि श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर के वंश से संबंधित चुनाव थे। देविका रानी के पिता कर्नल एम.एन. चौधरी मद्रास (अब चेन्नई) के पहले ‘सर्जन जनरल’ थे। उनके माता का नाम श्रीमती लीला चौधरी था। कहा जाता है कि देविक बचपन से ही बहुत टैलेंटेड थे। नौ साल की उम्र में ही पढ़ाई के लिए उन्हें इंग्लैंड भेज दिया गया था। देविका ने भारतीय सिनेमा को ग्लोबल स्टैंडर्ड पर ले जाने का काम किया।

देविका रानी की आज पुण्यतिथि है, (फोटो साभार: @Movies N यादें)
देविका रानी (देविका रानी) का करियर 10 साल लंबा रहा। आशोक कुमार संग देविका की जोड़ी खेमी। दोनों जीवन नैया, जन्मभूमि और अछूत कन्या में नजर आए। देविका रानी दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड पाने वाली पहली शख्सियत भी रही। उन्हें 1969 में ये अवॉर्ड मिला। इसके अलावा वर्ष 1958 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया। 9 मार्च, 1994 को एक्ट्रेस का 85 साल की उम्र में निधन हो गया। देविका रानी को फर्स्ट लेडी ऑफ इंडियन सिनेमा के रूप में जाना जाता है।हिंदी सिनेमा के विजेताओं के दौर में एक्ट्रेस का रोमांटिक भी उतना खुलकर नहीं दिखाया गया था। लेकिन किसी ना किसी को तो शुरुआत करनी ही पड़ती है और ये काम किया दविकाानी ने कहा। क्योंकि देविका रानी उद्योग में आई हीं ट्रेंड सेट करने के लिए। वर्ष 1933 में ‘कर्मा’ फिल्म बनी जो अंग्रेजी भाषा में बनी देश की पहली फिल्म थी। लीड रोल में हिमांशु राय और देविका रानी थे। इस फिल्म के माध्यम से पहली बार लोगों ने व्हिंग सीन देखा। किसिंग सीन छोटा-मोटा भी नहीं था। इन 4 मिनट से बहुत ज्यादा लंबी Whing se थी। फिल्म को लेकर बहुत बवाल हुआ। मगर देविका रानी ने अपना नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों से अंकित कर लिया।