
मोहित ने अब तक 80 फिल्मों में गीत गाए हैं। (इंस्टाग्राम @MohitChauhan)
पार्श्व गायकी के अलावा मोहित चौहान (मोहित चौहान) ने एक और खूबसूरत काम किया है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (एपीजे अब्दुल कलाम) की कविताओं को कंपोज किया है। इस शानदार आइडिया के पीछे काफी योगदान उनकी पत्नी का भी है।
11 मार्च 1966 को मोहित चौहान का जन्म नाहन, सिरमौर, हिमाचल प्रदेश में हुआ था। मोहित चौहान ने पहले दिल्ली के सेंट ज़ेवियर स्कूल में एडमिशन लिया था और उसके बाद हिमाचल प्रदेश से अपनी पढ़ाई कंपलीट की। बहुत काम लोग जानते हैं कि मोहित चौहान ने कभी म्यूजिक की फॉर्मल ट्रेनिंग नहीं ली है, वो सिर्फ अच्छे सिंगर ही नहीं बल्कि गिटार बजाने में भी महारत हासिल किए हैं। दिल्ली में अपने स्कूलमेट और पियानोवादक केम त्रिवेदी के साथ मिलकर मोहित ने अपना खुद का बैंड ‘सिल्क रूट’ (1996) बनाया।
वर्ष 2002 में फिल्म ‘रोड’ से मोहित ने बॉलीवुड के लिए गाना शुरू किया। वर्ष 2006 में राकेश ओमप्रकाश मेहरा ‘रंग दे बसंती’ बना रहे थे। फिल्म में एआर रहमान का म्यूजिक था। एआरओ रहमान ने मोहित चौहान को ब्रेक दिया। गाना था- ‘खून बह गया।’ इस फिल्म में मोहित चौहान ने इकलौता यह गाना गाया था लेकिन उनके इसी गाने ने उनकी किस्मत बदल दी। इस गाने की रिकॉर्डिंग का किस्सा भी बहुत दिलचस्प है। मोहित चौहान रिकॉर्डिंग से पहले काफी ‘नर्वस’ थे। उन्हें इस बात का डर था कि वो ये गा गा भी या नहीं। कहीं ऐसा ना हो कि एआर रहमान से डांट खानी पड़ जाए।
इस डर से निजात तब मिली जब उन्हें पता चला कि इस गाने को प्रसून जोशी ने लिखा है। प्रसून जोशी और मोहित चौहान की जान पहचान पहले से थी। प्रसून ने सिल्क रूट बैंड के लिए भी कुछ काम किया था। इस तरह उस अनचाही ‘नर्वसनेस’ से बाहर निकलकर मोहित चौहान ने गाना गाया। अगले ही साल मोहित चौहान ने ‘जब वी मेट’ का सुपरहिट गाना ‘तुम से ही होता है’ गाया है। इस गाने का संगीत प्रीतम ने तैयार किया था। इस गीत में मोहित चौहान के लिए फिल्म उद्योग के दरवाजे पूरी तरह से खुल दिए गए। मोहित ने अब तक 80 से ज्यादा फिल्मों में गीत गाए हैं, जिनमें हिंदी के साथ बंगाली, कन्नड़, मराठी, तमिल और पंजाबी भाषाओं के गीत शामिल हैं। बता दें कि मोहित हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी और पहाड़ी भी फर्राटे के साथ बोल लेते हैं।