जॉन अब्राहम ने OTT पर रिलीज होने वाली फिल्मों को बताया था कि ‘बेकार’, अब दी क्लीयरेंस


जॉन अब्राहम (फोटो साभारः न्यूज 18)

जॉन अब्राहम (जॉन अब्राहम) ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली 90 प्रतिशत फिल्में खराब होती हैं। अब प्राधिकरण ने अपने बयान पर सफाई दी है।

नई दिल्ली: लॉकडाउन में पूरी तरह से बंद रहने के बाद सनीमा इंडस्ट्री एक बार फिर धीरे-धीरे बड़े पर्दे पर वापसी कर रही हैं। पाइछले सप्ताह ‘रूही’ के बाद आज जॉन अब्राहम (जॉन अब्राहम) और इमरान हाशमी (इमरान हाशमी) की फ़िल्मम ‘मुंबई सागा’ (मुंबई सागा) सलीमाघरों में रिलिज हो गई है। जॉन ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली 90 प्रतिशत फिल्में खराब होती हैं। अब प्राधिकरण ने अपने बयान पर सफाई दी है।

जॉन अब्राहम (जॉन अब्राहम) ने बॉलीवुड हमामा को दिए इंटरव्यू में अपनी बात रखते हुए कहा कि उनके स्टेटमेंट को गलत तरीके से पेश किया गया। एक्टर ने कहा कि वह इस बात से खुश नहीं हैं। जॉन के कहा, ‘मुझे लगता है कि मेरा बयान गलत तरीके से पेश किया गया है। मुझे कभी-कभी बहुत बुरा लगता है जब चीजें संदर्भ से बाहर कर दी जाती हैं। मुझे लगता है कि ओटीटी एक आशीर्वाद है, लेकिन मुझे लगता है कि मुंबई सागा एक सिनेमाई अनुभव करने वाली फिल्म है। इमरान और मैंने उस समय भी चर्चा की थी जब हमने फिल्म देखी थी कि यह फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज होनी चाहिए। भूषण कुमार और संजय गुप्ता को धन्यवाद कि यह बड़े पर्दे पर रिलीज हुई। ‘

जॉन अब्राहम ने आगे कहा, ‘मैंने कहा था कि हमारी फिल्में एक सिनेमाई अनुभव के लिए बनी है, हमें इस फिल्म को बड़े पर्दे पर लाना चाहिए। फिल्में जो पहले विंडो ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए हैं। क्या मुझे नेटफ्लिक्स, एंटोन, जियो, हेलस्टार से प्यार है? हां, पूरी तरह से। मुझे लगता है कि वे हमें इतना अधिक मौका प्रदान करते हैं जिससे हम विश्वसनीय योगदान कर सकें। ‘

याद दिला दें कि इससे पहले मिड डे को दिए इंटरव्यू में जॉन ने कहा था, ‘ईमानदारी से कहूं तो इंडस्ट्री में ऐसी धारणा है कि अगर एक ऐक्टर फिल्मम को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं है तो उसे ओटीटी पर ढेर करना देना है। लगभग 90 शुद्ध फ़िल्में जो ओटीटी पर रिलीज़ होने के लिए तय की गईं, वे बेकार थीं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मेरी फिल्मेंम बहुत शानदार है लेकिन हमें इसके फेल होने की चिंता नहीं है। मैं महामारी का अंग बैसाखी के रूप में नहीं करूँगा। ‘







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