प्रवासी मजदूरों पर बेस्ड विनोद कापरी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘1232 KMS’ ने छुआ सोनू परद के दिल में


यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म ने 24 मार्च से मल्टीमीडिया + हलस्टार समीक्षा पर स्ट्रीमिंग हो रही है। (वीडियो पकड़ो Youtube)

सोनू सूद (सोनू सूद) ने कहा, ‘मेरे लिए प्रवासी मजदूरों को देखना बहुत कठिन था, जिन्हें ऐसे कठिन समय को झेलने के लिए मजबूर किया गया था। हमें उन सभी की इच्छा-शक्ति की सराहना करनी चाहिए। ‘

नई दिल्ली। पिछले साल जब इसी मार्च को देशभर में कोरोना से आरक्षण के लिए लॉकडाउन लगाया गया था, तब सबसे ज्यादा तकलीफ में प्रवासी मजदूर थे, जिनका दर्द बॉलीवुड एक्टर था। सोनू सूद (सोनू सूद) से देखा नहीं गया था और उन्होंने दिल खोलकर उस वक्त प्रवासी मजदूरों की मदद की थी। ये वही प्रवासी मजदूर थे, जो लॉकडाउन के बाद मीलों पैदल और साइकिल से दूसरे राज्य से अपने राज्य की ओर निकल पड़े थे। अब पत्रकार से फिल्ममेकर बने विनोद कापरी (विनोद कापरी) ने प्रवासी मजदूरों के उस दर्द को अपनी एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘1232 KMS’ में दिखाया है, जो सोनू सूद और सेलिब्रिटी शेफ विकास खन्ना के दिलों को छुड़ा गया।

वहीं, सोनू सूद और विकास खन्ना ने विनोद कापरी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘1232 KMS’ पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। नवीनतम रूप से बातचीत के दौरान सोनू सूद ने कहा, ‘मेरे लिए प्रवासी मजदूरों को देखना बहुत कठिन था, जिन्हें ऐसे कठिन समय को झेलने के लिए मजबूर किया गया था। हमें उन सभी की इच्छा-शक्ति की सराहना करनी चाहिए, जिन्होंने उन परिस्थितियों का मुकाबला किया और उन लंबी यात्राओं को घर-घर तक पहुंचाने का काम किया। विनोद कापर ने ‘1232 KMS’ के साथ एक अविश्वसनीय काम किया है। दर्शकों को इस तरह की वास्तविक कहानी रूबरू कराने के लिए ऑप्टिकल + हॉटस्टार समीक्षा प्रशंसा के पात्र हैं। ‘

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विनोद कािपर पिछले साल लॉकडाउन के दौरान साइकिल पर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से बिहार के सहरसा जाने वाले प्रवासी मजदूरों के एक समूह के साथ आए, जिनके अनुभवों को उन्होंने एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म के रूप में पेश किया है। वहीं, शेफ विकास खन्ना ने कहा, ‘बहुत से लोगों को पूरी तरह से समझ में नहीं आया कि प्रवासी मजदूरों के लिए लॉकडाउन कितना मुश्किल था- ऐसे लोग जिनकी आजीविका दैनिक मजदूरी पर निर्भर करती है। जैसा कि देश पूरी तरह से लॉकडाउन में चला गया था, उन्होंने अपनी नौकरी खो दी थी, जिसका मतलब उन्हें खाने और आश्रय के लिए सोचना पड़ रहा था। उन्होंने इस दौरान बहुत संघर्ष किया था। विनोद कापरी की ‘1232 KMS’ ने उनके कॉन्फोंस दिखा कर दिल को छू लिया है। ‘ बता दें, यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म ने 24 मार्च से ऑप्टिकल + हैस्टार रेटिंग पर स्ट्रीमिंग हो रही है।








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