जब एआर रहमान का खोया हुआ ऑस्कर अवॉर्ड था, ऑस्कर विनर और मशहूर लेखक का दिलचस्प किस्सा था


एआर रहमान

ऑस्कर विनर ए आर रहमान (एआर रहमान) ने हाल ही में अपने ऑस्कर अवॉर्ड (ऑस्कर अवार्ड) को लेकर एक दिलचस्प किस्सा साझा किया है। यह वह क्षण था जब उन्हें लगा कि उनका ऑस्कर अवॉर्ड कहीं खो गया है।

वर्ष 2009 में प्रसिद्ध संगीतकार ए आर रहमान (एआर रहमान) ने ऑस्कर हासिल कर इतिहास रचा था। रहमान 2 ऑस्कर अवॉर्ड (ऑस्कर अवार्ड) जीतने वाले पहले भारतीय हैं जिन्हें फिल्म ‘स्क्मडॉग मेटनियर’ (स्लमडॉग मिलियनेयर) के लिए यह सम्मान मिला था। पहली ऑस्कर रहमान को क्लमडॉग मिलियनेयर ‘के ऑरिजनल स्क के लिए और दूसरी इसी फिल्म के लोकप्रिय गाने’ जय हो ‘के लिए मिला था। दिलचस्प बात यह है कि प्रसिद्ध कंपोजर का मानना ​​है कि एक बार उनका ऑस्कर अवॉर्ड खो गया था लेकिन बाद में तुरंत मिल भी गया। रहमान ने ऑस्कर से जुड़ी तमाम बातों को एक तमिल पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू के दौरान बयां की।

ऑस्कर को इस तरह के हैंडलकर बने रहते थे
इंटरव्यू में रहमान (एआर रहमान) ने ऑस्कर अवॉर्ड से जुड़ी तमाम बातें साझा की हैं। इस घटना के बारे में रहमान ने बताया कि उनकी मां करीमा बेगम (करीमा बेगम) ने ऑस्कर अवॉर्ड को अपनी अलमारी में एक कपड़े में लपेटकर सुरक्षित रखा था। बाद में जब वे वापस आए तो उन्होंने कहा कि जैसे यह सोने से मढ़ दिया गया है। रहमान ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि जब वे लंबे समय बाद मां के घर पहुंचे तो उनका ऑस्कर अवॉर्ड (ऑस्कर अवार्ड) उस अलमारी में भी नहीं मिला जहां पर वे उसे संभालकर रखते थे। तब उन्हें लगा कि शायद हआ औस्कर अवॉर्ड खो चुका है लेकिन घर में काफी खोजबीन की तो पता चला कि यह प्रतिष्ठित मां ने दूसरी अलमारी में रख दी थी। मालूम हो कि कुछ महीने पहले ही रहमान की मां का देहांत हुआ था जिसके बारे में संग ने सोचा भी नहीं था।

रहमान के परिवार ने धर्म परिवर्तन किया थारहमान हमेशा अपनी मां के करीब थे और उनके कहने पर ही वह संगीत की दुनिया में आए थे। इस कारण से वह अक्सर अपने स्टेज शो के दौरान अपनी मां को याद किया करते थे। रहमान का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बचपन में रहमान का नाम दिलीप कुमार (दिलीप कुमार) रखा गया था। परिवार के घर्म परिवर्तन पर एक बार रहमान ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब 23 साल की उम्र में उनकी बहन की तबीयत बहुत खराब हो गई थी, तो उनके लिए दुआ मांगने के लिए रहमान का पूरा परिवार इस्लामिक धार्मिक स्थल गए थे। जिसके बाद उनकी बहन की तबीयत ठीक हो गई थी और फिर रहमान के परिवार ने धर्म बदलकर इस्लाम धर्म को स्वीकार कर लिया था। एआर रहमान जब 9 साल के थे, तभी उन्होंने अपने पिता आरके शेखर को खो दिया था और उनकी मां ने भी उन्हें अकेले बड़ा किया है।








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