समीक्षा: क्या वेब सीरीज ‘प्रोजेक्ट 9191’ पर हावी क्राइम पेट्रोल का हैंगओवर


वेब सीरीज: प्रोजेक्ट 9191
ऋतु: १
सप्ताह: 7
ओटीटी: सोनी लिव सोनी लिव पर पिछले दिनों एक वेब सीरीज रिलीज हुई ‘प्रोजेक्ट 9191 (प्रोजेक्ट 9191)’। लेखक, निर्माता, निर्देशक वही टीम है जो है जो सोनी टेलीविजन के लिए ‘क्राइम पेट्रोल’ बनाती है। न चाहते हुए भी उसका हैंगओवर, प्रोजेक्ट 9191 पर इतना भारी है कि कई बार लगता है कि क्राइम पेट्रोल ही चल रहा है और अभी अनूप सोनी स्क्रीन पर आ कर कहेंगे, जुर्म को मुँह तोड़ जवाब देना चाहिए।

प्रोजेक्ट 9191 एक मामूली सी फ्यूचरिस्टिक वेब बनाने का प्रयास किया गया है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर एल्गोरिदम, बिहेवियर प्रेडिक्शन, क्राइम प्रेडिक्शन जैसी बातें सुनी कर, एक भविष्य की कल्पना परोसने की कोशिश की गई है जिसमें अपराध होने से पहले उसके होने की भविष्यवाणी करना संभव हो गया है। प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक क्रिस्टोफर नोलन के छोटे भाई जोनाथन नोलन द्वारा निर्देशित वेब श्रृंखला “पर्सन ऑफ़ इंटरेस्ट” के मूल आयडिया को भारतीय जामा पहनाया गया है और ये प्रयास बिलकुल असफल रहा है।

मुंबई में पुलिस की एक विशेष इकाई का गठन होता है जिसमें कंप्यूटर की मदद से शहर के सभी सीसीटीवी कैमरा पर नियत्रण किया जा सकता है, इंटरनेट पर चल रही इमेल और सोशल मीडिया मैसेजेस को चुपचाप पढ़ा जा सकता है, लोगों के व्यवहार का पूर्वानुमान लगाया गया है। हो सकता है। उद्देश्य है हर तरह के अपराध को होने से रोकना। इस टास्क फ़ोर्स / विशेष इकाई में एक अदद एसडीपी हैं जिनके अपने कमिश्नर से कुछ खास बनती नहीं हैं। एक भ्रष्ट किस्म का इंस्पेक्टर है जो जुगाड़ करने में मदद करता है। एक कर्त्तव्य परायण इंस्पेक्टर है जोकोल्डपी के काम करने का तरीका पक्षपात पूर्ण लगता है। एक अदद हैकर भी है जो अब पुलिस के लिए काम करता है। सौंदर्य का बैलेंस बनाये रखने के लिए एक दो महिला पुलिस कर्मी भी रखी गयी हैं।

जल्दबाज़ी में लिखा गया 7 नंबर का लेखन, कंप्यूटर में होने के समान लगता है। किसी भी कोण से, एक भी दृश्य आपको बांध के नहीं रख पाता है जबकि लेखक सुब्बू, टीवी के जाने माने राइटर हैं और क्राइम पेट्रोल के हिट होने में उनका लेखनी का योगदान है। किरदारों को बैकस्टोरी देने की कोशिश की है, जिसकी वजह से कहानी के मूवमेंट में रुकावट आ जाती है। कुछ कलाकारों का किरदार ठीक से डेवलपर नहीं किया गया है। अधिक इसके अगले सीजन में उन पर फोकस करने का इरादा होगा। हालांकि ऐसा नहीं लगता कि इसको दूसरा सीजन मिलना चाहिए।

प्रोडक्शन में आम टीवी शोज से थोड़ा बेहतर काम किया गया है। हालांकि गद्दी के आखिरी 2-3 सीजन में इस से बेहतर कंप्यूटर ग्राफ़िक्स का इस्तेमाल किया गया था। इस शो की एक बड़ी विडम्बना ये भी है कि टेक्नोलॉजीज के आधार वाले कई विदेशी क्राइम और कॉप शोज, हिंदुस्तान में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं। तुलना करने पर प्रोजेक्ट 9191 का प्रोडक्शन बहुत कमज़ोर साबित होता है। जब बढ़िया विदेशी शो मौजूद हैं, तो सिर्फ हिंदी में होना प्रोजेक्ट 9191 के पॉपुलर होने के लिए काफी नहीं है। अधिकांश कलाकार टीवी पर नज़र आते रहते हैं लेकिन किसी एक का भी प्रदर्शन मजबूत नहीं है। बॉडी और कमिश्नर के बीच के संघर्ष में कमिश्नर द्वारा यूनिट को बंद करने की जो जल्दी दिखाई देती है, वह फिल्मों में चल रही है लेकिन वेब सीरीज में आप उस पर विश्वास नहीं करना चाहते हैं। पुलिस वाले घायल होते हैं और चौबीस से भी कम घंटे में पूरे जोश के साथ काम पर लौट आते हैं। ये छोटी बातें हैं लेकिन कहानी में भरोसा पैदा नहीं होता इसलिए शो पर भी भरोसा नहीं मिलता।

लेखक और निर्देशक हैं, मूल अहमदाबाद के रहनेवाले और क्राइम पेट्रोल के जनक सुब्रमनियन एस अय्यर। सुब्बू को क्राइम पेट्रोल का अच्छा खासा अनुभव है, लगभग लगभग 1400 नंबर लिखने का और निर्देशित करने का। जाने माने निर्देशक कुंदन शाह के शगिर्द के तौर पर काम करने वाले सुब्बू द्वारा रचित, क्राइम पर रियलिटी शो जैसा क्राइम पेट्रोल, लोगों द्वारा एक जागरूकता अभियान की तरह देखा गया और इसलिए पूरे परिवार में इस शो के कई फैन हैं। अफ़सोस की ये फैंस, प्रोजेक्ट 9191 को मना करेंगे। डायलॉग लिखा। आचारुदत्त आचार्य ने जो टेलीविज़न पर काफी सक्रिय लेखक हैं। रोज़मर्रा की भाषा और अंदाज़ लाने की कोशिश की गयी है। पुलिस वाला डायलॉग मार कर ड्रामा पैदा कर सकता है या फिर रिएलिस्टिक प्रदर्शन कर सकता है। दोनों नावों में सवार अधिकारी और उनके डायल, प्रोजेक्ट 9191 में चुभते हैं।

जैसा कि हमारे यहाँ पुलिस का नंबर होता है 100, अमेरिका में पुलिस की हेल्पलाइन का नंबर 911 होता है। इसी तरह का फायदा उठाने के लिए प्रोजेक्ट 9191 नाम रखा गया था ऐसा लगता है। एक भी अमेरिकी क्राइम और कॉप शो जैसा इसमें न तो प्रोडक्शन क्वालिटी है, न कोई है और न ही एक भी ऐसा एक्टर या किरदार जो लोगों को याद रहें। इस शो का हर चरण तकरीबन 35 मिनट का है और ऐसे 7 चरण हैं। अपने 250 मिनिट बचाइए और किसी बेहतर शो या फिल्म देखने में लगाइये, आपका प्रोजेक्ट 2021 यही है।





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