
१। मनोज बाजपेयी एक बेहद सामान्य किसान परिवार से आते हैं जहां आमतौर पर जन्मदिन नहीं मनाया जाता है। उनके जन्मदिन पर घर में सिर्फ लड्डू ही बंट्टे थे।
२। मनोज बहुत वर्सेटाइल एक्टर हैं और हर तरह का रोल कर चुके हैं और कई भाषाओं में भी फिल्में कर चुके हैं।
३। मनोज बाजपेयी ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में उन्होंने 1994 में फिल्म ‘द्रोहकाल’ से कदम रखा था।४। इस फिल्म में मनोज बाजपेयी का रोल काफी छोटा था, लेकिन उनके लिए किसी सपने सच होने से कम नहीं था, क्योंकि इससे पहले उन्होंने स्ट्रगल का एक लंबा दौर देखा था।
५। 2013 में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में मनोज ने अपने स्ट्रगल पर बात की थी। उन्होंने उस दौर के बारे में बताया था जब उनके मन में आत्महत्या जैसा रखना भी आया था।
६। उन्होंने बताया कि वे हमेशा से ही एक हायर बनना चाहते थे। जिसके कारण 17 साल की उम्र में ही बिहार स्थित अपना बेतिया गांव छोड़कर वे दिल्ली आ गए थे। यहां आकर उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के बारे में सुना था।
।। मनोज ने यहां एडमिशन लेने का मन बना लिया लेकिन एनएसडी में दाखिले के लिए 3 बार फॉर्म भर दिया, लेकिन किन्हीं कारणों से वे तीनों बार रिजेक्ट कर दिए गए।
।। इसे लेकर बात करते हुए मनोज बाजपेयी ने इंटरव्यू में बताया था कि जब वह रिजेक्ट हुई तो ऐसा लगा कि उनका सपना टूट गया और वह खुदकुशी करने वाले थे।
९। मनोज बाजपेयी ने बताया था कि यह मुश्किल दौर में उनके दोस्त काम आए और दोस्तों ने दिन-रात उनके साथ रहकर उनकी मेहनत को बरकरार रखा।
१०। वहीं ये दौर गुजरा तो उन्होंने एक्टर रघुवीर यादव के कहने पर बैरी जॉन की वर्कशॉप जॉइन कर ली।
1 1। बैरी जॉन मनोज के टैलेंट से इतने इंट्रस्ट हुए कि उन्हें अपना असिस्टेंट बना लिया। वहीं मनोज की हिम्मत लौट आई और उन्होंने कुछ साल बाद
१२। एनएसडी में फिर से आवेदन किया गया और इस बार उन्हें यहां एक्टिंग सीखने का ऑफर मिल गया।
१३। उनका संघर्ष भले ही खिंच गया, लेकिन आज उन्हें उद्योग के सबसे बेहतरीन एक्टर्स में गिना जाता है।
१४। वो बॉलीवुड से लेकर बेव सीरीज की दुनिया तक धमाके कर चुके हैं।
१५। मनोज बाजपेयी का कहना है कि चाहे आपके पास काम हो या न हो, प्रैक्टिस होना बेहद जरूरी है। अगर आप में प्रतिभा है तो आप काम करेंगे, फिर भी आप किसी अभिनेता के बच्चे हो या न हो।