फिलिस्तीन पर इजरायल के हमले को सही ठहराने पर कंगना रनौत ट्रोल, लोग बोले- इस्लामोफिक


कंगना रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा है कि, ‘जो लोग सोचते हैं कि आतंकवाद का जवाब धरना और एपिसोड निंदा से दिया जाना चाहिए उन्हें इजरायल से सीखना चाहिए।’ (फोटो: कंगनारनौत / इंस्टाग्राम)

कंगना रनौत (कंगना रनौत) ने लिखा है, ‘जो लोग सोचते हैं कि आतंकवाद का जवाब धरना और प्रकरण निंदा से दिया जाना चाहिए उन्हें अनुमति देना चाहिए। रेडिकल इस्लामिक टेररिज्म से अपने देश और लोगों को बचाना हर राष्ट्र का मौलिक अधिकार है और भारत में अनुमतिरायल के साथ है।

मुंबई। कॉन्ट्रोवर्सी को लेकर चर्चा में बनी रहने वाली बॉलीवुड की ‘पंगा गर्ल’ कंगना रनौत (कंगना रनौत) इजरायल और फिलिस्तीन संघर्ष (इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष) पर अपने सोशल मीडिया पोस्ट के कारण लोगों के निशाने पर आ गए हैं। कुछ दिनों पहले ही सोनी ने कंगना रनौत के ट्विटर अकाउंट को स्थायी रूप से बैन कर दिया था। इसके बाद एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी और अपने विचार शेयर करना शुरू कर दिया। वह हाल ही में अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक पोस्ट शेयर की है, जो बुधवार से चर्चा में है। अपने नवीनतम सोशल मीडिया पोस्ट में कंगना रनौत ने फिलिस्तीन गाजा पर इजरायल के सभी सैन्य अभियानों की प्रशंसा की है और इसे ‘कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद’ के खिलाफ लड़ाई बताई है। उन्होंने लोगों को इजरायल से कुछ सबक लेने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का विरोध और मौखिक आलोचना का नहीं करने का भी सुझाव दिया।

कंगना रनौत की पोस्ट।

कंगना रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा है कि, ‘जो लोग सोचते हैं कि आतंकवाद का जवाब धरना और एपिसोड निंदा से दिया जाना चाहिए उन्हें इजरायल से सीखना चाहिए।’ कंगना ने इसके आगे लिखा है कि, ‘रेडिकल इस्लामिक टेररिज्म से अपने देश और लोगों को बचाना हर राष्ट्र का मौलिक अधिकार है और भारत इसमें इजरायल के साथ खड़ा है।

कंगना रनौत की पोस्ट।

कंगना के इस बयान के पक्ष विपक्ष में आरोप और प्रत्यारोप का नया दौर शुरू हो गया है। कुछ लोग कंगना को सपोर्ट कर रहे हैं तो कुछ लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। कुछ सोशल मीडिया ने भी पोस्ट किया है। कुछ यूजर्स ने उन्हें इस्लामोफोबिक भी कह दिया है। इजरायल की राजधानी यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद के बाहर फलीस्तीनियों और अनुमतिरायली सुरक्षा बलों में सोमवार को झड़प हो गई थी। कुछ फलीस्तीनियों के साथ-साथ बच्चे और सैकड़ों लोग मारे गए थे। इसके जवाब में फलस्तीन के संगठन हमास ने यरुशलम पर तोपों से हमला कर दिया था। हमास के हमले में 20 लोगों के मारे जाने की खबर है।








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