
60 के शतक में साधना की फिल्म ‘लव इन शांत’ से ही मानसिक मानसिक व्यायाम था। की स्टाइल आ जब मैं बार-बार शादी करूंगा, तो मैं कभी भी ऐसा ही करूंगा। की राज कूपर और नरगिस की खुशबुओं वाली फिल्म ‘श्री 420’ की विविधता के अलावा, वे अपनी शैली के हिसाब से बढ़ने वाले गेम खेलते हैं, जो ये राज कपूर को पसंद करते हैं।
इस सुपरहिट मनोरंजक फिल्म के खेल ‘मुड़-मुड़ के न देखने’ में ‘मुड़-मुड़ के न देख’ खेल को गर्ल के रूप में आंखों में देखा जाता है। राज कपप ने पोस्ट किया था, मैंने उसे मैनेज किया था। एक दिन राजू को नाराज़ किया गया, यह था कि, जाओ घर का लो। सोने की घड़ी लंबे 6 साल बाद फिल्म ‘दुल्हा-दुल्हन’ में फिर एक साथ नजर आएं।
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साधना का पूरा रखरखाव शिवदासानी था। डायरेक्शन ने डायरेक्शनल डायरेक्शन आर के नाय्यर (आरके नय्यर) से रखी थी। साधना ‘परख’ , ‘हम अौर’ , ‘मेरा साया’, ‘आरजू’, ‘एक फूल दो माली’, ‘मेरे महबूब’ ने ब्रीज़ में संचार कर रहे हैं।