कृष्णगोपाल मलिक की बंगाली विचित्र लेखन | गड़बड़ दौड़ने वाला


अनुवाद में कृष्णगोपाल मलिक के लेखन को नया जीवन मिलता है

नयी दिल्ली,जारी करने की तिथि: 10 जुलाई 2023 | अद्यतन: जून 30, 2023 19:43 IST

भूलभुलैया में प्रवेश: कृष्णगोपाल मल्लिक की विचित्र कथा, नीलाद्रि आर. चटर्जी द्वारा बंगाली से अनुवादित | नियोगी पुस्तकें | 350 रुपये; 176 पेज

यूकृष्णगोपाल मलिक (1936-2003) के बारे में अब तक दुनिया बहुत कम जानती है। लेकिन उनके बंगाली क्वीर लेखन का एक हालिया संग्रह, नीलाद्रि आर. चटर्जी द्वारा अनुवादित, भूलभुलैया में प्रवेश: कृष्णगोपाल मलिक की विचित्र कल्पनामल्लिक को उस चीज़ से अलग करते हैं जिसे चटर्जी “होमोफोबिक उपेक्षा की धूल” कहते हैं।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *