लिंडसे परेरा की ‘द मेमॉयर्स ऑफ वाल्मिकी राव’ 1990 के दशक में मुंबई में स्थापित रामायण का आधुनिक पुनर्कथन है।
लिंडसे परेरा द्वारा ‘वाल्मीकि राव के संस्मरण’ | पेंगुइन विंटेज | 599 रुपये | 320 पेज
टीयह मुंबई के परेल में दो पड़ोसी चॉलों गंगा निवास और श्री निवास की कहानी है। एक सेवानिवृत्त डाकिया और गंगा निवास के निवासी, वाल्मिकी राव उस वर्ष की अपनी यादें लिखते हैं, जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरी थी और उसके बाद मुंबई में दंगे हुए थे। चल रही थीम: “उसके चॉल में लोगों का उस मस्जिद से क्या लेना-देना था जिस पर एक ऐसे शहर में हमला किया जा रहा था जिसे उनमें से किसी ने कभी नहीं देखा था?”