सोनू सूद को हाईकोर्ट से नहीं मिला राहत, अवैध निर्माण पर अब बीएमसी करेगी फैसला


13 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान बीएमसी ने सूद को ‘आदतन अपराधी’ बताया था।

बता दें कि 13 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान बृहन्मुद्र महानगरपालिका (BMC) ने एक्टर सोनू सूद (सोनू सूद) को ‘आदतन अपराधी’ बताया था। नगरपालिका ने अदालत में कहा था कि सोनू सूद अवैध निर्माण के मामले में लगातार नियम तोड़ते रहे हैं।

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  • आखरी अपडेट:21 जनवरी, 2021, 12:35 PM IST

मुंबई। एक्टर सोनू सूद (सोनू सूद) के मुंबई में कथित अवैध निर्माण मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट (बॉम्बे हाई कोर्ट) ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया है। सोनू सूद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, बॉल अब बृहन्मुअल महानगरपालिका (BMC) के पाले में है। बीएमसी ही अब इस मामले में फैसला लेगी। बता दें कि सोनू सूद ने बीएमसी के आदेश के इतर कोर्ट से कम से कम 10 सप्ताह का समय मांगा था, जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा- आप बहुत लेट हो गए हैं। आपके पास इन सबके लिए पर्याप्त समय था। कानून भी उनकी मदद करता है जो प्रचंड होते हैं।

बता दें कि 13 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान बीएमसी ने कहा कि ‘आदतन अपराधी’ ने कहा था। नगरपालिका ने अदालत में कहा था कि सोनू सूद अवैध निर्माण के मामले में लगातार नियम तोड़ते रहे हैं। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद ने उपनगर जुहू स्थित रिहायशी इमारत में कथित तौर पर बिना अनुमति के परिवर्तनशील परिवर्तन किए। इसके बाद बीएमसी ने उन्हें नोटिस जारी किया है। बीएमसी के नोटिस के खिलाफ सोनू ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सोनू सूद ने वकील डीपी सिंह के माध्यम से पिछले सप्ताह दायर अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने छह मंजिला शक्ति सागर भवन में कोई अवैध निर्माण नहीं कराया है।

यह भी पढ़ें: – एक्टर सोनू सूद सिनेमा जगत में शुरुआत करने वाले हैं दूसरी पारी, जल्द ही बनेंगे प्रोड्यूसरसोनू सूद ने बीएमसी के नोटिस पर कहा था, ‘मैं बीएमसी का पूरी तरह से भावनाओं करता हूं जो हमारे मुंबई को इतना कम का बनाया है। अपनी तरफ से मैंने सभी नियमों का पालन किया है और कोई सुधार की गुंजाइश होगी तो मैं उसे जरूर सुधारने की कोशिश करूंगा। ‘ यह भी पढ़ें: – सोनू सूद के नाम से शुरू की गई एम्बुलेंस सेवा, एक्टर ने कहा- ‘मैं गर्व महसूस कर रहा हूं’

सूद ने कहा था, ‘कोर्ट में हमने मामले की याचिका दी हुई है। जैसे वह मार्गदर्शन करेगा तो मैं फॉलो करूंगा। कोर्ट की तरफ से जो भी निर्देश दिया गया है, उसका अच्छी तरह से पालन किया जाएगा, उसी तरह आगे बढ़ेंगे। मैं सभी कानूनों और अधिनियम को मानूंगा। ‘







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