
दीप सिद्धू (फाइल फोटो)
पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू (दीप सिद्धू) ने कहा कि किसानों को लाल किले की ओर मार्च करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने और उनके समर्थकों ने राष्ट्रीय ध्वज को नहीं अपनाया।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:27 जनवरी, 2021, 2:25 PM IST
आपको बता दें कि दीप सिद्धू मुक्तसर में जन्मे पंजाबी अभिनेता और फिल्म निर्माता हैं। किंग फिशर मॉडल हंट जीतने के बाद सिद्धू सुर्खियों में आए और बाद में ग्रेसिम मिस्टर शुद्धता और ग्रेसिम मिस्टर टैलेंटेड भी बने। नेटवर्किंग की दुनिया को छोड़ उन्होनें सहारा भारत परिवार के साथ एक कानूनी सलाहकार के रूप में काम करना शुरू कर दिया। साथ ही साढ़े तीन साल तक बालाजी टेलीफिल्म्स के कानूनी सलाहकार भी रहे।
दीप सिद्धू ने 2019 के आम चुनावों से राजनीति में एंट्री की और गुरदासपुर के बीजेपी सांसद सनी देओल के लिए प्रचार किया। उनकी पहली फिल्म 2015 में ता रमता जोगी ’थी, हालांकि, उन्हे पहचान 2018 की 2015 जोरा दास नम्ब्रिया’ मिली।
मंगलवार को उनका विरोध शुरू होने के बाद प्रतिक्रिया देने के बाद उन्होनें कहा कि मैंने राष्ट्रीय ध्वज को नहीं अपनाया। उन्होनें कहा कि लालर्टों पर एक प्रतीकात्मक विरोध के रूप में ‘निशान साहिब’ रखा गया था। जैसे सिख धर्म का प्रतीक ‘निशान साहिब’ झंडा सभी गुरुद्वारा परिसर में देखा जाता है। फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में सिद्धू ने कहा, “नए किसान कानून के खिलाफ प्रतीकात्मक रूप से अपना विरोध दर्ज करने के लिए हमने देखा साहिब ‘और किसान झंडा लगाया और किसान मजदूर एकता का नारा बुलंद किया था” सिद्धू ने साफ किया था कि ‘निशान साहिब’ ध्वज देश की “विविधता में एकता” का प्रतिनिधित्व करता है। ‘निशान साहिब’ में ‘खंड’, दो धार वाली तलवार, चक्र, एक डिस्क, और दो किरप होते हैं जो एक दूसरे को संभालते रहते हैं।