पहुंचे तांडव ’विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, मेकर्स की मांग- सभी राज्यों की एफआईआर सहित मुंबई में स्थानांतरित मुकदमा चला


तांडव को लेकर मचा है बवाल। (तस्वीर- ट्विटर)

टंडव वेब सीरीज: तांडव विवाद पर अमेजन की ओर से पेश वकील फली एस नारीमन ने कहा, ‘हमारे पास वेब सीरीज़ में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था। उनके सम्मान को ठेस पहुंची इसलिए हमनें उन्हें हटा दिया। इसके बाद भी 6 राज्यों में एफआईआर दर्ज हैं। ‘

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  • आखरी अपडेट:27 जनवरी, 2021, 2:30 अपराह्न IST

मुंबई। वेब सीरीज तांडव (टंडव) को लेकर विवाद जारी है। सुप्रीम कोर्ट में अमेजन और इस वेबसीरीज के मेकर्स की ओर से दाखिलों पर बुधवार को सुनवाई की गई। इन मामलों में अलग-अलग राज्यों में डायरेक्टर अली अब्बास जफर सहित कई लोगों के खिलाफ एफआईआर को रद्द किए जाने की मांग की गई है। वेब श्रृंखला से जुड़े लोगों की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ वकील लॉयर फली एस। नारीमन, मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा पहुंचे थे।

सर्वोच्च अदालत में अमेजन प्राइम (अमेज़ॅन प्राइम) का पक्ष रखने रहे फली एस नारीमन ने कहा ‘हमने माफी भेज दी है, लेकिन 6 राज्यों में 7 एफआईआर दर्ज की गई हैं। रोज नई एफआईआरआर सामने आ रही हैं। ‘ उन्होंने कहा, ‘इस आदेश को जारी किया जाना चाहिए और कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।’ परीक्षण के दौरान अमेजन ने कहा कि हमने कुछ भी गलत नहीं दिखाया है। नारीमन ने कहा, ‘हमारा कहना है कि कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था। उनके सम्मान को ठेस पहुंची इसलिए हमनें उन्हें हटा दिया। इसके बाद भी 6 राज्यों में एफआईआर दर्ज हैं। ‘

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परीक्षण के दौरान मुकुल रोहतगी ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी के मामले का जिक्र किया। रोहतगी ने कहा ‘आपने अर्नब गोस्वामी को राहत दी।’ वहीं, अधिवक्ता ने सभी राज्यों के मामलों को मुंबई लाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सभी एफआईआर को मिलाया जाए और मुंबई में ट्रायल हो जाए। हम सभी राज्यों में जाकर ट्रायल्स का सामना नहीं कर सकते ।’उन्होंने कहा ‘आज सभी को दर्द हो रहा है। इससे पहले एमएफ हुसैन ने पेंटिंग बनाई थी, तो कई एफआईआर दर्ज हो गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर पर रोक लगा दी थी। ‘ साथ ही रोहतगी ने श्रृंखला को लेकर कहा ‘यह एक राजनीतिक व्यंग है। अगर इससे भी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी, तो जाहिर का आजादी का पूरा उल्लंघन होगा। ‘

वहीं, अदालत में मेकर्स की तरफ से पहुंचे सिद्धार्थ लूथरा ने कहा ‘उत्पीड़न जारी है। एफआईआरआर दर्ज करने का एक तरीका क्या है? ‘ इन आरोपों की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच ने की थी।







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