
वेब सीरीज तांडव (टंडव) के मेकर्स को सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में गीरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में निर्णय जमानत या एफआईआर रद्द कराने के लिए उच्च न्यायालय में जाने की सलाह दी है।
वेब श्रृंखला ‘तांडव’ (टंडव) के मेकर्स को सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में गीरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर द दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में निर्णय जमानत या एफआईआर रद्द कराने के लिए हाई कोर्ट में जाने की सलाह दी है।
- आखरी अपडेट:27 जनवरी, 2021, 3:58 PM IST
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने इस वेब सीरीज के एक्टर और निर्माताओं की ओर से उनके खिलाफ छह राज्यों में दर्ज एफआईआर को क्लब करने की मांग पर नोटिस जारी किया है। जस्टिस आरएस रेड्डी और एमआर शाह ने अंतरिम जमानत देने की अपील ठुकरा दी। इस श्रृंखला के रिल्ली होने के बाद से ही इसकी नायरमाताओं पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के कई मामले दर्ज हैं।
वेब श्रृंखला से जुड़े लोगों की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ वकील लॉयर फली एस। नारीमन, मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा पहुंचे थे। सर्वोच्च अदालत में अमेजन प्राइम (अमेज़ॅन प्राइम) का पक्ष रखने रहे फली एस नारीमन ने कहा ‘हमने माफी भेज दी है, लेकिन 6 राज्यों में 7 एफआईआर दर्ज की गई हैं। रोज नई एफआईआरआर सामने आ रही हैं। ‘ उन्होंने कहा, ‘इस आदेश को जारी किया जाना चाहिए और कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।’ परीक्षण के दौरान अमेजन ने कहा कि हमने कुछ भी गलत नहीं दिखाया है। नारीमन ने कहा, ‘हमारा कहना है कि कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था। उनके सम्मान को ठेस पहुंची इसलिए हमनें उन्हें हटा दिया। इसके बाद भी 6 राज्यों में एफआईआर दर्ज हैं। ‘
परीक्षण के दौरान मुकुल रोहतगी ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी के मामले का जिक्र किया। रोहतगी ने कहा ‘आपने अर्नब गोस्वामी को राहत दी।’ वहीं, अधिवक्ता ने सभी राज्यों के मामलों को मुंबई लाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सभी एफआईआर को मिलाया जाए और मुंबई में ट्रायल हो जाए। हम सभी राज्यों में चलते ट्रायल्स का सामना नहीं कर सकते। आपको बता दें कि लोगों के लगातार व्रिरोध और आक्रोश के बाद इस वेब सीरीज से आपत्तितनीय सीन हटा दिए गए हैं। साथ ही नितेश अली अब्बीर जफर लोगों ने उनके नाराजगी के लिए बीन पर्चा माफी की भी मांग की है।