इनसाइडर होने के बाद भी मैनें काम के लिए कई दरवाजे खटखटाए: बॉबी देओल


बॉबी देओल (फाइल फोटो)

बॉबी देओल (BOBBY DEOL) के करियर के लिए साल 2020 खास कहा जाएगा, क्योंकि इस साल उन्होने ‘क्लास ऑफ 83’ और ‘आश्रम’ (AASHRAM) जैसी हिट दी। दोनों में बॉबी के काम की भी तारीफ की जा रही है।

  • News18Hindi
  • आखरी अपडेट:27 जनवरी, 2021, 5:36 PM IST

नई दिल्ली। एक्टर बॉबी देओल (BOBBY DEOL) । आज जन्मदिन है। बॉबी के करियर के लिए वर्ष 2020 विशेष कहा जाएगा, क्योंकि इस साल उन्होने ‘क्लास ऑफ 83’ और ‘आश्रम’ (आसराम) दी हिट। दोनों में बॉबी के काम की भी तारीफ की जा रही है। आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से बॉबी स्क्रीन से दूर दिखाई दे रहे थे। दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ‘मुझे काम मिलना बंद हो गया था। मैंने भी अपने करियर में बहुत स्ट्रगल किया है, उतार चढ़ाव देखा है। एक जब ऐसा आया था, जब मैं अपने करियर को गिवअप कर रहा था, लेकिन मेरा अनुभव सिर्फ यही सिखाता है कि कभी हार मत मानो। कभी भी स्ट्रगल के फ्रंटने मत टेको। अपने काम के प्रति ईमानदार रहें और बस भारी वर्कफ़्लो करें। ‘

एक्टिंग से ब्रेक लेने के बाद दोबारा आने पर बॉबी ने कहा कि मेरी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट है ‘रेस 3’। उसके बाद मुझे अक्षय कुमार के साथ हाउसफुल फिल्म मिल गई। ‘रेस 3’ के बाद से मुझे कई सारे अच्छे रोल ऑफर हुए। फिल्म इंडस्ट्री में पड़ी इंसाइडर और आउटसाइडर की बहस पर बॉबी का मानना ​​है कि अगर आप इंसाइडर हैं तो पहली फिल्म मिलना मुश्किल नहीं होता, लेकिन उसके बाद में आपकी एक्टिंग, आपकी मेहनत ही से ही आपको काम मिलता है। इनसाइडर होने के बाद भी मेरे करियर में खराब समय आया और आज देखिए मैं जहां भी बेहद खुश हूं।

इंटीमेटमेट देने देने से बचने वाले बॉबी से पूछा गया कि आश्रम वेब सीरीज में ऐसे सीन देना उनके लिए मुश्किल था। उसपर उन्होने कहा क्योंकि यह मेरे किरदार की डिमांड थी इसीलिए मैंने खेलया हालांकि मैं बहुत नर्वस था और अनक म्फर्टेबल भी था। लेकिन मुझे अपने नैक्टर के साथ जस्टिस करना था। इसके अलावा सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स को लेकर बॉबी का मानना ​​है कि हर इंसान का अपना ओपिनियन होता है, अपनी सोच होती है। सब आपसे प्यार करेंगें जरूरी नहीं है, इसलिए मैं कभी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कमियों को नहीं समझ सकता। हालांकि मैं इस चीज का शुक्रगुजार हूं कि मुझे लोगों से प्यार ज्यादा मिला है और नफरत कम है।







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