
मिर्जापुर वेब सीरीज के निर्माताओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी राहत दी।
मिर्जापुर वेब सीरीज (मिर्जापुर वेब सीरीज) के निर्माताओं फरहान अख्तर (फरहान अख्तर) और रितेश सिधवानी (रितेश सिधवानी) को राहत मिल गई है। इनकी गिरफ्तारी पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय (इलाहाबाद उच्च न्यायालय) ने रोक लगा दी है।
- News18Hindi
- आखरी अपडेट:29 जनवरी, 2021, 7:11 PM IST
17 जनवरी को मिर्जापुर वेब सीरीज के निर्माताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मिर्जापुर कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन में दर्ज मुकदमे में निर्माताओं पर आरोप है कि उन्होंने वेब सीरीज से मिर्जापुर जिले की छवि खराब कर दी है। इस वेब सीरीज पर धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को आहत करने का भी आरोप था।
वेब सीरीज निर्माताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि मिर्जापुर जिले की उत्कृष्ट विरासत रही है, लेकिन 2018 में रिलीज इस श्रृंखला में जिले को माफियाओं के शहर के तौर पर दिखाया गया है, जो जिले में अपने अधिकार चलाने के लिए गैंगवार करते हैं।
इस वेब सीरीज के निर्माताओं- रितेश सिधवानी, फरहान अख्तर, भौमिक गोंडालिया और अमेजन प्राइम वीडियो के खिलाफ केस दर्ज है। निर्माताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 295-ए, सेक्शन 504, 505 सहित आईटी एक्ट की धारा 67 ए के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इस वेब सीरीज का पहला सीज़न 2018 में रिलीज़ किया गया था और फिर 2020 में इसका दूसरा सीज़न जारी किया गया था। इससे पहले ‘तांडव (टंडव)’ वेब सीरीज पर भारी विवाद हुआ था। लोगों ने सोशल मीडिया पर मुखर के अनुसार कहा था कि, इससे धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है। मामला सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) तक पहुंच गया। कोर्ट ने कहा था कि एक्टर दूसरों की धार्मिक भावनाओं को नाराज करने वाली भूमिका नहीं निभा सकते। ‘तांडव’ के कई दृश्य पहले ही हटा दिए गए हैं। कोर्ट के फैसले पर बॉलीवुड के दिग्गज हस्तियों ने कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि हंसल मेहता, प्रीतिश नंदी और कोंकणा सेन शर्मा सहित कुछ लोगों ने कला और कलाकार के बीच की रेखा धुंधली होने और इसकी निहितार्थ की चर्चा की थी। कुछ लोगों ने सवाल किया था कि पर्दे पर पर्देायी जाने वाली भूमियों के लिए अभिनेताओं को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।