
यदि सलमान की ट्रांसफर याचिका स्वीकार नहीं होती और जिला एवं सत्र जिला जोधपुर न्यायालय सीजेएम कोर्ट के फैसले को बरकरार रखता है तो उन्हें एक बार फिर जेल जाना पड़ सकता है। (फोटो- ट्विटर)
काला हिरण और शस्त्र अधिनियम मामला: जोधपुर हाईकोर्ट के जस्टिस विजय विश्नोई ने सलमान खान (सलमान खान) की ट्रांसफर याचिका को सुनने से इनकार कर दिया है। उन्होंने सलमान की याचिका को अन्य बैंच में रेफर कर दिया है।
कांकाणी हिरण शिकार मामले में ग्रामीण सीजेएम कोर्ट ने सलमान खान को 5 साल की सजा दी थी। कोर्ट ने इस मामले में सह आरोपी फिल्म अभिनेता सैफ अली खान, अभिनेत्री नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। राज्य सरकार की ओर से सीजेएम कोर्ट के इस फैसले को सुरक्षित उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। सलमान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने कोर्ट में याचिका पेश कर यह मांग की है कि क्योंकि सभी मामले एक ही प्रवृत्ति के हैं अतः इन सब की सुनवाई एक साथ की जानी चाहिए।
जिला एवं सत्र जिला जोधपुर न्यायालय में ये मामला लंबित हैं
सलमान खान को सीजेएम ग्रामीण कोर्ट की ओर से सुनाई गई 5 साल की सजा के खिलाफ उन्होंने जिला एवं सेशन जिला जोधपुर कोर्ट में अपील पेश कर रखी है। वहीं सीजेएम ग्रामीण कोर्ट ने आर्म्स एक्ट मामले में सलमान खान को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। उसके खिलाफ सरकार की ओर से जिला एवं सेशन जिला जोधपुर कोर्ट अपील पेश की गई थी। इसी मामले में कोर्ट कचहरी हैं।याचिका स्वीकार हो जाती है तो सलमान को लाभ मिलेगा
यदि सलमान के अधिवक्ता की यह याचिका स्वीकार कर ली जाती है तो इन सभी मामलों की सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय में होगा। ऐसे में ट्रायल कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बिना मामला हाईकोर्ट में पहुंच जाएगा और सलमान को एक लंबी प्रक्रिया से राहत मिलेगी।
यदि याचिका स्वीकार नहीं होती है तो मुश्किलें बरकरार रह सकती हैं
यदि यह याचिका स्वीकार नहीं होती है और जिला एवं सत्र जिला जोधपुर न्यायालय सीजेएम कोर्ट के फैसले को बरकरार रखता है तो सलमान को एक बार फिर जेल जाना पड़ सकता है। उन्हें एक बार फिर जमानत करवानी पड़ सकती है। उसके बाद सलमान खान ने उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं। ऐसे में यदि सलमान खान की ओर से पेश की गई ट्रांसफर याचिका स्वीकार हो गई है तो उसे उनके लिए बड़ी राहत माना जा सकता है।