शब्दों: 80 पर शिव के साथ चॉल में रहते थे जीतेंद्र, जब पहली बार पंखा लगा तो देखने आए थे पड़ोसी


जीतेंद्र का असली नाम रवी कपूर है। (फोटो- @ jeetendra_kapoor / इंस्टाग्राम)

बॉलीवुड के ‘जम्पिंग जैक’ और अक्सर चमकदार सफेद कपड़ों में नजर आने वाले जीतेंद्र (जीतेंद्र) ने अपनी जिपी के विजेताओं को 20 साल के मुंबई के गीरगांव में स्थापित किया। वह 80 परिवारों की चॉल में रहे।

बॉलीवुड के ‘जम्पिंग जैक’ और अक्सर चमकदार सफेद कपड़ों में नजर आने वाले जीतेंद्र (जीतेंद्र) ने अपने समय में कई बामपंथी हिट फिल्में दी हैं। उनके चाम और उनकी अदाएगी के लाखों दीवाने हैं। आज जीतेंद्र भले ही अलीशान बंगले में रहते हैं और उनके पास बड़े-बड़े गाड़ियाँ हैं, लेकिन आज भी अपने चल्ल की जयंती को याद करते हुए वह काफी भावुक हो जाते हैं। जीतेंद्र 80 परिवारों की चॉल में रह रहे थे और अपनी जाइ जिंदगी के 20 साल में उन्होंने मुंबई की गीरगांव की स्थापना की। इंडियन आइडल 12 (इंडियन आइडल 12) के सेट पर अपनी बेटी एकता कपूर के साथ पहुंचे जीतेंद्र ने अपनी चॉल से जुड़ी यादों का जिक्र किया है।

जितेंद्र

बेटी एकता, बेटे तुषार और पत्नि के साथ जीतेंद्र। (फोटो- @ jeetendra_kapoor / इंस्टाग्राम)

जीतेंद्र ने बताया कि वह फिल्ममों में हर सफ़िर्फ बन गए हैं। उन्होंने बताया कि वह एक ऐसे चॉल में रहते थे, जो चार मंजिला थे और एक-एक मंजिला 20 परिवारों के थे। यानी कुल 80 परिवार थे। उन्होंने कहा, ‘हम इतना माइलजुल कर रहे थे। कभी हमारे घर में चाय की पत्ती नहीं है या दूध नहीं है तो कभी कमी महसूस नहीं हुई, आसपास से ले आए और फिर वापस कर रहे हैं। हमारे घर जब पंखा लगाया गया तो सब बिलाडिंग के लोग देखने आए, क्यो अरे उनके घर पंखा लगा है। ट्यूबलाइट पहली बार मेरे घर में लगी थी। ‘

अपने इन दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘वो मेरी जिया ज़िंदगी के सबसे बैस्ट दीन हैं, बस यही बात मैं कह सकता हूं।’ बता दें कि जीतेंद्र ने ‘तोहफा’, ‘सरफारोश’, ‘थानेदार’, ‘हिम्ममतवाला’ और ‘धरमवीर’ जैसी कई सुपरहिट फिल्में दी हैं।







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