सयानी गुप्ता बोलीं, बॉलीवुड की आलोचना के बाद बाहरी लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ीं


एक्ट्रेस सयानी गुप्ता

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (सुशांत सिंह राजपूत) की मौत के बाद से ही बॉलीवुड की बाहरी लोगों के साथ दुर्व्यवहार और कथित ड्रग कल्चर को लेकर बहुत आलोचना हुई है। इसके कारण बाहरी लोगों को फिल्मों में करियर बनाने के लिए अपने परिवार को राजी करना और मुश्किल हो गया है।

  • News18Hindi
  • आखरी अपडेट:24 अक्टूबर, 2020, 10:37 PM IST

मुंबई। वेब सीरिज ‘फोर मोर’ के फेम एक्ट्रेस सयानी गुप्ता (सयानी गुप्ता) और एक्टर अविनाश तिवारी (अविनाश तिवारी) का मानना ​​है कि पिछले कुछ महीनों में फिल्म इंडस्ट्री की जो आलोचना हुई है, उससे नए कलाकारों के लिए फिल्मों में करियर बनाने को लेकर। अपने परिवार को गांधी करना और मुश्किल हो गया है। जून में एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (सुशांत सिंह राजपूत) की मौत के बाद से ही बॉलीवुड की बाहरी लोगों के साथ दुर्व्यवहार और फिल्म उद्योग में संभवत: मौजूद कथित ड्रग कल्चर को लेकर बहुत आलोचना हुई है। यही नहीं सोशल मीडिया पर भी फिल्म जगत की कार्यप्रणाली को लेकर कई आरोप लगाए गए हैं।

शनिवार को ‘भारतीय फिल्म प्रोजेक्ट’ में हो रही एक परिचर्चा में गुप्ता और तिवारी ने बताया कि कैसे उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में आने के लिए अपने माता-पिता को मनाया। लेकिन आज लोगों के मन में बॉलीवुड को लेकर जो धारणा बन गई है, उसके लिए अब नए कलाकारों को वह करने में काफी मुश्किलें आई हैं।

अमेजन प्राइम पर वेब सीरिज ‘फोर मोर मोर’ में नजर आने वाली सयानी गुप्ता (सयानी गुप्ता) ने कहा कि पिछले 4 महीने में जो भी हुआ, वह फिल्म उद्योग के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। एक्ट्रेस ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को अपने माता-पिता को यह साबित करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ेगा कि एक कलाकार के रूप में भी वह एक सम्मानजनक जीवन और सही करियर बना सकते हैं।

वर्ष 2018 की फिल्म ‘लैला मजनूं’ से शोहरत पाने वाले तिवारी ने कहा कि अब बॉलीवुड को लोग संदेह से निगाहों से देखते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं बिहार के एक पारंपरिक परिवार से आता हूं। अब भी वहाँ हिंदी फिल्म उद्योग की छवि बहुत अच्छी नहीं है। ऐसा नहीं है कि लोगों को पता नहीं है कि ऐसी चीजें होती हैं बल्कि सभी को लगता है कि यही बॉलीवुड है। ‘ एक्टर ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में फिल्म जगत के बारे में जो नकारात्मक बातें उठी हैं, उसकी छवि और बहुत खराब हो गई है।

वहीं ‘दम लगा के हईशा’ जैसी फिल्म से बॉलीवुड में पदार्पण करने वाली एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ने कहा कि उनके लिए भी एक्टिंग करने के अपने सपने को लेकर अपने परिवार को राजी करना आसान नहीं था, वह भी ऐसे परिवार जहां किसी की फिल्में से कोई संबंध नहीं है।

पेडनेकर ने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं अपने माता-पिता को कैसे समझाऊं कि मैं एक एक्ट्रेस चाहता हूं। भले ही मेरे दादाजी रंगमंच कलाकार थे, फिर भी मेरे परिवार में हिंदी फिल्मों में एक्ट्रेस बनना अच्छा नहीं माना जाता था। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि लोगों को इस पेशे की सुंदरता का अंजाजा भी है। मैं अपने परिवार को दोष नहीं दे सकता। मैं वकीलों,,, डॉक्टरों के परिवार से आता हूं। उनके लिए मेरा प्रदर्शन करना बहुत अजीब सी बात थी। ‘





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