फोटो साभार: IndiaGlitz और viralnewztamil
विरुचागाकंठ बाबू (विरुचाककंठ बाबू) के माता-पिता की कुछ साल पहले ही मृत्यु हो गई थी जिसके कारण वे मानसिक रूप से काफी परेशान थे। उनके पास एक्टिंग के ज्यादा मौके नहीं थे इसलिए उनकी कमाई भी काफी कम थी। रूपों की कमी के कारण एक्टर को कई बार औटो-रिक्शा में ही सोना पड़ता था।
रिपोर्ट्स की मानें तो विरुचागाकंठ (विरुघकांत बाबू) के माता-पिता की कुछ साल पहले ही मौत हो गई थी जिसके कारण वे मानसिक रूप से काफी परेशान थे। उनके पास कोई एक्टिंग के ज्यादा मौके नहीं थे इसलिए उनकी कमाई भी काफी कम थी। रूपों की कमी के कारण एक्टर को कई बार औटो-रिक्शा में ही सोना पड़ता था। उन्हें अक्सर मंदिरों में भी देखा गया था। कुछ लोगों का तो ये कहना था कि माता-पिता की मौत के बाद से वो मानसिक रूप से अस्थिर हो चुके हैं।
‘काधल’ फिल्म में काम किया था
आपको बता दें कि विरुष्काकांत बाबू, वर्ष 2004 में रिलीज हुई फिल्म ‘काधल’ (काधल) में नजर आए थे। इस फिल्म में एक्टर भरत और एक्ट्रेस संध्या ने लीड रोल प्लेया था। फिल्म में बाबू का किरदार एक स्ट्रगलिंग एक्टर का था। ‘काधल’ में वो अपने एक डायलॉग से धारणाएं जाती हैं। फिल्म में वो कहते हैं, अगर मैं अभिनय करूंगा तो सिर्फ हूर का रोल करूंगा। बाबू की मौत की खबर से तमिल सिनेमा इंडस्ट्री के कई लोग हैरत में हैं। ’काधल’ के बाद बाबू को फिल्मों में ज्यादा मौके नहीं मिले जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हुई। कुछ साल पहले मशरूम निर्देशक साई डायना को, बाबू चेन्नई के एक मंदिर में मिले थे। धीना ने उन्हें पहचान लिया था और फिर उन्हें उनके घर ले गए थे। इसके बाद धीना ने एक वीडियो भी पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने फिल्ममेकर्स से बाबू को फिल्मों में मौके देने की अपील की थी। इसके बावजूद बाबू की स्ट्रगल जारी थी।