रिमी सेन ने बताया कि उन्होंने ‘बुधिया सिंह- बॉर्न टू विन’नाम की एक फिल्म बनाई थी, जिसे नेशनल अवार्ड भी मिला था। (फोटो: इंस्टाग्राम)
एक लेटेस्ट इंटरव्यू में रिमी सेन (रिमी सेन) ने बताया कि, जब वे बहुत कम थे, उस दौरान उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसके कारण उन्हें कम उम्र में ही फिल्मों में काम करना पड़ा। जिम्मेदारियों के कारण वे अपने परिवार के लिए नोट छापने की मशीन की तरह थे।
हाल ही में उन्होंने अपने करियर के बारे में कई बातें बताई हैं। एक लेटेस्ट इंटरव्यू में रिमी सेन ने बताया कि, जब वे बहुत कम थे, उस दौरान उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसके कारण उन्हें कम उम्र में ही फिल्मों में काम करना पड़ा। जिम्मेदारियों के कारण वे अपने परिवार के लिए नोट छापने की मशीन की तरह थे। उन्होंने आगे बताया कि वे करियर बनाने के लिए सोच-समझकर फिल्में नहीं I हैं। परिवार की स्थितियों के कारण वे काम करने के लिए मजबूर थे। बच्चों के खेलने की छोटी उम्र में वे परिवार के लिए नोट छापने की मशीन बन गए थे। उन्होंने अब तक की लाइफ में बहुत स्ट्रगल किया है। स्ट्रगल से मैंने अपना ऐसा मुकाम बनाया है कि मैं अपनी आगे की जिंदगी खुशी से जी सकता हूं।
रिमी सेन को यादलिटी शो बिग बॉस के 2015 में आए सीजन -9 में देखा गया था। खबरों के अनुसार, शो के मेकर्स ने बिग बॉस के घर में 50 दिन रहने के लिए रिमी को 2 करोड़ रुपए दिए थे। इसके बारे में उन्होंने बताया कि बिग बॉस के पैसों से उन्हें बहुत आर्थिक मदद मिली। यह मेरे लिए एक बड़ा अमाउंट था।
रिमी ने फिल्मों में बदलाव करने के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि, ‘मैं फिल्मों से 10 साल से दूर हूं, लेकिन मुझे यह बताने में खुशी है कि मुझे पैपराजी को पोज देकर फोटो खिंचवाना पसंद नहीं है। इसके बजाय मुझे कैमरे के पीछे काम करना पसंद है। मैंने ‘बुधिया सिंह- बॉर्न टू विन’ नाम की एक फिल्म बनाई थी, जिसे नेशनल अवार्ड भी मिला था। इसके साथ ही साथ मैं और भी प्रोजेक्ट्स कर रहे हैं। जैसे ही प्रोजेक्ट फाइनल हो जाएगा, मैं उनके बारे में अनाउंसमेंट करूंगी। ‘