
अनुपम खेर ने गंगा और अन्य नदियों में कई शवों के मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘कई मामलों में आलोचनात्मक लिगल है … कोई अमानवीय व्यक्ति ही नदियों में बहती लाशों से प्रभावित नहीं होगा।’ (फोटो साभार: इंस्टाग्राम / अनुपम खेर)
एनडीटीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में एफटीआईआई के पूर्व चेयरपर्सन अनुपम खेर (अनुपम खेर) ने कहा कि सरकार से स्वास्थ्य संकट के प्रबंधन में कहीं न कहीं चूक हो गई है, लेकिन अन्य राजनीतिक दलों के इन खामियों का फायदा उठाना भी गलत है।
नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर (अनुपम खेर) ने बुधवार को कहा कि को विभाजित -19 (कोविद -19) की दूसरी लहर के मद्देनजर देश में जो कुछ हो रहा है उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है और कहा कि अधिकारियों की सार्वजनिक आलोचना ‘कई मामलों में ‘वैध है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के करीबी माने जाने वाले दिग्गज एक्टर ने कहा कि सरकार के लिए यह समझने का है कि छवि बनाने से ज्यादा जरूरी जीवन बचाना है। एनडीटीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में एफटीआईआई के पूर्व चेयरपर्सन ने कहा कि सरकार से स्वास्थ्य संकट के प्रबंधन में कहीं न कहीं चूक हो गई है, लेकिन दूसरे राजनीतिक दलों का इन खामियों का फायदा उठाना भी गलत है। यह पूछे जाने पर कि सरकार के प्रयास अभी तक राहत देने की बजाय अपनी खुद की छवि और समझ को बनाने पर अधिक है तो राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एक्टर ने कहा कि सरकार के लिए जरूरी है कि वह इस चुनौती का सामना करे और उन लोगों के लिए कुछ उन्हें किसने चुना है। खेर ने गंगा और अन्य नदियों में कई शवों के मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘कई मामलों में आलोचनात्मक लिगल है … कोई अमानवीय व्यक्ति ही नदियों में बहती कब्रों से प्रभावित नहीं होगा।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन दूसरे पक्षों का अपना लाभ के लिए इस्तेमाल करना, मेरा विचार में ठीक नहीं है। मेरे हिसाब से, लोगों के तौर पर हमें गुस्सा आना चाहिए। जो हो रहा है उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। प्रेक्षक प्रेक्षक प्रेक्षक . उनके लिए यह समझने का वक्त है कि छवि निर्माण से जरूरी और बहुत कुछ है। ‘