समीक्षा: मजेदार टीवी शो ‘एल एयर… हंस तो -17’ का पहला सीजन


बढ़िया । है का मज़ा आ जाएगा। शो: एल… हंसें तो सीजन: 1 सीजन नंबर: OTT: विज्ञापन वीडियो 2018 में मेक्सिको में अमेजन ने “लास्ट वन लाफिंग” नाम का गेम + रियलिटी शो लॉन्च किया था। इसमें 10 कॉमेडियन चुने जाते हैं और ये 6 घंटे के लिए एक घर में बंद कर दिया जाता है। बिग बॉस की तरह इस घर में भी कई कैमरे लगे हुए हैं जो इन कॉमेडियंस की हर हरकत पर नज़र रखते हैं। हर कोमेडियन को थोड़ा मामूली देर में अलग अलग वेशभूषा में कोई न कोई किरदार निभाते हुए स्टैंडअप कॉमेडी करनी होती है। इसके अलावा वो घर में कोई भी हरकत कर सकते हैं, कोई भी किरदार निभा सकते हैं, किसी भी वेशभूषा में नज़र आ सकते हैं और ये सबका एक ही उद्देश्य होता है – दूसरे को हंसाना। यदि कोई प्रतिभागी हंसते हुए कैमरे में दो बार पकड़ा जाता है तो वह गेम से बाहर कर दिया जाता है। मेक्सिको में 2 और ऑस्ट्रेलिया में 1 सीजन हिट होने के बाद अब भारतीय दर्शकों के लिए बनाया गया है। इसके होस्ट और जज हैं बोमन इरानी और अरशद वारसी। एंटिज, पहले मौसम में जो भी वोट – गेरा, सुरेंद्र ग्रोवर, मल्लिका, कुशा कपिला, आदर मालिक, आकाश गुण, अंकिता श्रीवास्तव, आदिति मित्तल, सायरस पैचा और सुर मेनन। 30 के 6 शेष में ये अलग अलग है। अर्बन कॉमेडी यानी बड़े शहरों में क्लब्स में होने वाली स्टैंड अप कॉमेडी करने वाले ये कॉमेडियन अपने जौहर का प्रदर्शन करते हैं। सिर्फ सुनील ग्रोवर और सुरेश मेनन, हिंदी कॉमेडी के वाकिफ हैं और पहले काम कर चुके हैं। आकाश गुप्ता, कुशा कपिला, अंकिता की सफलता में YouTube और इंस्टाग्राम का योगदान है। अनु मालिक के भतीजे अच्छे बॉस, अंग्रेजी स्टैंड अप कॉमेडी करते रहे हैं। मल्लिका दुआ, प्रसिद्ध समाचार एंकर और पत्रकार विनोद दुआ की बेटी हैं, वहीं अदिति मित्तल, हिंदुस्तान की पहली महिला स्टैंड अप कोमेडियन मानी जाती हैं। गौरव गेरा और सायरस ब्रोचा, टीवी के पुराने कलाकार हैं और उनके किरदार, शॉपकीपर और बकरा बहुत ज्यादा पसंद किए जाते हैं। सभी पत्रकारों की बोलचाल की भाषा अंग्रेजी से ज्यादा और हिंदी कम है। सुनील ग्रोवर, आकाश और गौरव गेरा बीच में हिंदी का तड़का लगाते रहते हैं। हर कलाकार को दो मिनिट का स्टैंड अप परफॉरमेंस देना होता है और लोगों को हंसाना होता है। इसके अलावा सभी कलाकार आपस में बात कर के, एक दूसरे के सामने ऊटपटांग हरकतें कर के एक दूसरे को हंसाने की कोशिश करते हैं। कार्यक्रम का ये फ़ॉर्मेट अद्वितीय है, क्योंकि जो कलाकार सबको हंसाने का काम करते हैं वे जो अपनी हंसी रोक सकते हैं वे भी देश के अन्य हास्य कलाकारों के सामने हैं। काम कठिन है और मुक़ाबला निकास है। इतना बढ़िया कार्यक्रम और बहुत बढ़िया फ़ॉर्मेट दो जगह थोड़ा बदलाव कर सकता है। एक, कार्यक्रम की भाषा हिंदी कर के। बहुत से स्क्रीनशॉट में शहरी कॉम और व्यंग्य से अनभिज्ञ हैं और इसलिए उन्हें ये पसंद नहीं आया। दूसरा, इसमें ऐसे कलाकार शामिल करना चाहिए जिनकी चाहने वाले या फैंस देश के सभी हिस्सों में हों, सिर्फ मुंबई-दिल्ली-बैंगलोर में न हों। अरशद और बोमन, जज और होस्ट के तौर पर अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन इस फॉर्मेट में थोड़ी प्रेडिक्टेबिलिटी होना भी जरूरी है। कौन बनेगा करोड़पति में अमिताभ के बोलने का अंदाज़, कंप्यूटर जी, लॉक किया जा, अंतिम आंसर जैसे तकिया कलाम लोगों के ज़ेहन में बैठ गए थे। एलओएल, हंसे तो फंसे के पहले सीजन में ऐसा कुछ नहीं है, जो याद रहेगा। भाषा और वसीयत के लिए है। अंग्रेजी गालियां और स्लैंग्स, महिलाओं को पसंद नहीं आएंगे। अर्बन कॉमेडी और स्टैंड अप कॉमेडी का शौक रखते हैं तो देखने लायक शो है।





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