
एक-कोनैशन्स और कौशिकन के ऐंड सेशन से संबंधित हैं। फोटो
सतीश कौशिक (सतीश कौशिक) ने बंदोबस्त किया। वर्ष 1975 से ए. सतीश कौशिक ने आपकी किताब में जो भी लिखा था वह एक दोस्त के दोस्त के लिए था और समर्थन था।
नीना गुप्ता (नीना गुप्ता) इस कार्य में सक्रिय हैं। सामाजिक मिडिया पर प्रदूषित सामाजिक मीडिया पर जो कुछ भी प्रदूषित हैं, वे सामाजिक रूप से खराब हैं, ‘सच कहूं तो’ ‘सच कहूं तो)’ इस तरह-ऐसे खुले हैं, अब इंसान हैं। इस किताब में वे भी थे। ये बात उस समय की है जब वह मासाबा की थीम पर आधारित थी। प्रकरण पर अब सतीश कौशिक ने कहा था। उन्होंने कहा था कि ये सब एक दोस्त के होने के था।
सतीश कौशिक (सतीश कौशिक) ने बंदोबस्त किया। वर्ष 1975 से ए. एक दोस्त के रूप में पेश किए जाने के बाद यह एक दोस्त के रूप में सामने आया, जो एक दोस्त के रूप में पेश किया गया था। उसने कहा कि वह ‘अकेला’ शब्द कह रहा था।
इस बातचीत में आगे कहा गया था कि बात करने के लिए ऐसा किया गया था। दोस्त के साथ खाने के लिए। सतीश कौशिक ने आगे कहा कि आपने किताब में जो कुछ भी एक दोस्त के दोस्त के लिए सपोर्ट किया था।
सतीश कौशिक ने कहा, जैसा कि किताब में लिखा गया था, जैसे कि प्रस्ता का रखा था। यह कहा जाता है कि यह चिंता है। आंखों में लगाने (नैशनल) लगाने वाले ये थे. उसके बाद दोस्ती और मज़बूत हो। खुश होने के लिए, वे स्वस्थ होते हैं। वो इस बारे में था। नैनों से कहा था कि बैठने से, नो… मेरी पत्नी शशि भी नीना और मेरे बीच के इक्वेशन को अच्छा है। नीना ढोते रहते हैं। वोट मित्रता को समझना और इज्जत करना।
‘सच कहुं तो’ ‘सच कहुं तो’ ने शादी की। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इस ऑटोबायोग्राफी की लॉन्चिंग वर्चुअल रखी गई थी। बोलने की गति में भी नीता की नीता ने ऑउटगॉटेशन की बॉडी में डाईटिंग की जानकारी दी है। के बारे में बात की है । एंटिक्लैक्स ने कहा, ‘अग्निबंधन’ के बारे में प्रेग्नेंसी के बाद भी इसे लिखा जाता है।