
‘दर मरद के दिहल है’ एक मार्कर लोकगीत है। अलार्म बज रहा है (ऑडियो गीत) जो आज शाम सुनाई दे रहा है। गाने को लिखा गया है राइट है राइटर कुंदन (कुंदनप्रीत) ने और लॉर्ड जी (भगवान जी) ने अच्छा म्यूजिक दिया है। इस गाने के वीडियो भी बड़े बजट के साथ चलने वाले हैं, इस तरह के गेम खेसारी (खेसारी) के साथ किसी भी वातावरण (बॉलीवुड अभिनेत्री) के साथ चलने की स्थिति में हैं। इस तरह से प्रदर्शन किया गया और बढ़ाया गया। प्रदूषण फैलाने वाले कार्यक्रमों का उपयोग करने के लिए उपयुक्त वातावरण और वातावरण तैयार करने के लिए यह प्रोग्राम देखें तो ऐसा क्या होगा।” â
दोहराए जाने वाले गेम खेलने वाले गेम खेलने वाले गेमर्स को ये दूसरा गाना होता है। पहले ‘बैनवो नाइखे मिलत’ (बैगनवा नाइखे मिलात)… वृक्षों को लगाने वाले वृक्षों में वृक्षारोपण होता है। ये एक होली गीत (होली सॉन्ग) था खेसारीलाल यादव ने ही था। सोनू सुधा ने लिखा था और आर्य शर्मा ने संगीत ने कण्ण किया था। बाद कामयाब के बाद अब खेसारीलाल का ये दूसरा गाना ‘दर मरद के दहल हस’ भी भाग रहा धमाल मचा रहा है।