अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘झुंड’ की मुसीबतें बढ़ीं, SC ने रिलीज पर रोक हटा दी थी


अमिताभ बच्चन (फोटो साभार- इंस्टाग्राम- @ / अमिताभबच्चन)

अमिताभ बच्चन (अमिताभ बच्चन) की फिल्म (फिल्म) ‘झुंड’ (झुंड) काफी समय से लीगल मामलों में फंसी हुई है। इस पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) ने भी इसकी रिलीज पर रोक हटा दी थी।

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  • आखरी अपडेट:18 नवंबर, 2020, 11:13 PM IST

मुंबई। इन दिनों बॉलीवुड की कई फिल्मों को लेकर जबरदस्त चर्चाएँ हैं। इस बीच अमिताभ बच्चन (अमिताभ बच्चन) स्टारर फिल्म (फिल्म) ‘झुंड’ (झुंड) सुर्खियों में आ गई है। कुछ समय पहले ये फिल्म कानूनी विवाद के कारण मुश्किल में फंस गई थी और इसकी रिलीज पर रोक भी लग गई थी। अब जानकारी मिल रही है कि सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक हटा दी है बुधवार को इनकार कर दिया और तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील खारिज कर दी। उच्च न्यायलाय ने सावधान वाद को लेकर इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी।

अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘झुंड’ को लेकर प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने उच्च न्यायालय के 19 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ सुपर हावट्स इंडस्ट्रीज (टी सीरीज) की अपील खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जा रही हैं। इसके परिणामस्वरूप इस मामले में लंबित आवेदन, यदि कोई हो, निस्तारित माने होना ‘।

ये फिल्म गैर सरकारी संगठन क्लम सॉकर के संस्थापक विजय बर्से के जीवन पर आधारित है और इसे अमेजन प्राइम के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इसी महीने प्रदर्शित किया जाना था। इससे पहले, फिल्म मई में रिलीज होने वाली थी लेकिन कोविड -19 महामारी की वजह से इसका प्रदर्शन नहीं बन पाया था। हैदराबाद स्थित लघु फिल्म निर्माता नंदीचिनी कुमार ने फिल्म निर्माताओं पर प्रतिक्रिया के कथित उल्लंघन का आरोप लगाया है लेकिन दूसरे पक्ष ने इससे इनकार किया है।

इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की कि यह एक दिलचस्प मामला है और वह निर्देश देगी कि इसका परीक्षण छह महीने के अंदर पूरी तरह से किया जाए। फिल्म निर्माता की ओर से पेश वकील ने कहा कि छह महीने में यह फिल्म बेकार हो जाएगी और वे इस व्यक्ति को पैसे देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित पक्षों के बीच 1.3 करोड़ रुपये की धनराशि पर सहमति हुई थी। कुमारमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा ने कहा कि निचली अदालत में लंबित इस प्रकरण का छह महीने के भीतर निस्तारण करने का न्यायालय फैसला दे सकता है। तेलंगाना की एक निचली अदालत ने 17 सितंबर को इस मामले की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को बरकरार रखा था।





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